शुक्रवार, 19 मई 2017

बोलो भारत माता की जय

     हिंदुस्तान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है | हमारे देश की एकता और सहिष्णुता पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है | भारत देश दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रहा देश है | भारत ही वह मुल्क है जिसने दुनिया को सदा शांति का संदेश दिया है |

    
लेकिन हमारे देश की शांति हमारे एक पड़ोसी देश को नासूर की तरह चुभती है | पड़ोसी देश कह देने के बाद मुझे नहीं लगता कि मुझे यह बताने की जरूरत है कि मेरा इशारा किस देश की तरफ है | जी हां 'पाकिस्तान' ही वह देश है जो आतंकवादी पैदा करता है , उन्हें पनाह देता है और हिंदुस्तान की सीमाओं में घुसपैठ कराता है | यह वह सत्य है जिससे पूरी दुनिया वाकिफ है | यह हमारे देश भारत की बदकिस्मती ही कह लीजिए है कि पाकिस्तान जैसा आतंकवाद का जन्मदाता और एहसान फरामोश मुल्क पड़ोसी देश है |

भारतीय सेना

     हिंदुस्तान को अशांत करने और इसकी एकता को आघात पहुंचाने के मकसद से पाकिस्तान  उसकी सीमाओं से सटे भारतीय सीमाओं पर आतंकी रुपी गीदड़ भेड़ियों को भारतीय सीमाओं में प्रवेश कराने की कोशिश करता है , लेकिन वह यह भूल जाता है की उसके सामने भारतीय वीर जवान शेरों की सेना खड़ी है जो हिंदुस्तान की तरफ आंख उठाकर देखने वाली हर नापाक ताकत का सर्वनाश कर देती है | हमारी भारतीय सेना हमारे भारत देश की सुरक्षा में हर पल हर घड़ी तत्पर है जो पाकिस्तान की हर नापाक साजिश का मुंहतोड़ जवाब देती है |

भारतीय सेना

      मैंने अपनी भारतीय सेना के गुणगान में एक छोटी सी कविता लिखने की कोशिश की है , मैं जानता हूं मेरी यह कविता भारतीय सेना के यश गान का एक बूंद मात्र से भी कम है | मेरी आशा यही है कि यह कविता आप सभी को अच्छी लगे

 
बोलो भारत माता की जय

भारतीय सेना

 सारी दुनिया से हम यही कहेंगे
 
दोस्तों से हम प्रेमपूर्वक गले मिलेंगे
 
हिंदुस्तान के दुश्मनों के हम गले काट डालेंगे
 
आतंकवाद , उग्रवाद और नक्सलवाद का
 
सर्वनाश कर हम भारत के वीर जवान
 
हासिल करेंगे सदा विजय
 
बोलो भारत माता की जय

भारतीय सेना

 एकता , सहिष्णुता है हमारी पहचान
 
राष्ट्रप्रेम है हमारा ईमान
 
जब तक है शरीर में जान
 
सदा बना रहेगा भारत देश का आन बान शान
 
यह आतंकी गीदड़ हम शेरों से क्या टकराएंगे
 
चूर - चूर हो यह धूल में मिल जाएंगे
 
हम थे , हम हैं , हम रहेंगे सदा अजय
 
बोलो भारत माता की जय

     
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

रविवार, 14 मई 2017

मां है ना

        मां , यह सिर्फ एक शब्द नहीं पूरी एक दुनिया है जिसमें सृजनकर्ता भी मां है और अपने बच्चों के लिए पालनहार भी मां है , इस दुनिया में मां  सिर्फ अपने बच्चे  का भाग्य नहीं लिख सकती अगर लिख सकती तो अपने बच्चे के भाग्य में सारी दुनिया की खुशियां लिख देती | मां की गरिमा और महानता का बखान जितना किया जाए मुझे लगता है कम है |

 मां है ना

     मां बच्चे को 9 महीने अपनी कोख में रखती है अपना पोषण अपने बच्चे को देती है , हजारों तकलीफ सहकर उसे इस दुनिया में लाती है | जब एक बच्चा इस दुनिया में पैदा होता है तो बच्चे के साथ-साथ एक मां भी पैदा होती है | एक दुधमुंहा बेजुबान बच्चा जो क्या चाहत है किसी और को समझ में नहीं आतावह क्या कहता  है किसी को समझ में नहीं आता , लेकिन मां समझ जाती है | भगवान ने मां को ही ममता की एक ऐसी शक्ति दी है जो उसे अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला देती है |

 मां है ना

     मैं जानता हूं मां के प्यार को , मां की ममता को , उसके त्याग को , बलिदानों को चंद शब्दों पन्नों में बांध पाना कठिन है लेकिन फिर भी अपनी मां के लिए और दुनिया की सभी माताओं को समर्पित करते हुए मैंने एक छोटी सी कविता लिखने की कोशिश की है -

 
मां है ना

 
नए जीवन की सृजनकर्त
 
ईश्वर का दूसरा रुप है मां
 
ममता का सागर है मां
 
एक बच्चे के लिए सबसे बड़ी दुआ है ना
 
मां है ना

 मां है ना

 बच्चे के संग मुस्काए
 
बच्चे के संग तूतलाए
 जब बच्चा रोए  मां भी रोने लग जाए
 
अगर कभी कहीं एक खरोच भी बच्चों को लगी
 
घबराहट के मारे मां का मन विचलित हो जाए
 
बच्चे संग खेलते - खेलते
 
मां भी खुद बच्ची बन जाए
 
ईश्वर की बच्चों को सबसे बड़ी कृपा है ना
 
मां है ना

 मां है ना

 अपनी खुशियां बच्चों की खुशियों में देखें
 
भले रहे खुद भूखी मगर बच्चों का वह पेट भरे
 अगर जरूरत हो तो लड़े सारी दुनिया से
 
अपने बच्चों के खातिर
 
बच्चों के हर दुखों के आगे
 
वह दीवार बनकर खड़ी रहे
 ममता , त्याग , बलिदान कि वह देवी है ना
 मां है ना

 
छोटा बच्चा जब रोता है वह रोते हुए मां कहता है
 
इंसान जब चोटिल होता है तो वह
 
दर्द में कराह कर मां कहता है
 लेकिन जब हंसता है तो मां को क्यों भूल जाता है
 जवान होकर मां के कोमल मन को क्यों रुलाता है
 
हम बच्चे भी यह याद रखें
 
दुनिया का सारा सुख मां के प्यार और उनके       
 पावन कदमों में ही है ना
 
मां है ना

   
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |i

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