गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

मुबारकबाद की शायरीयां , जन्मदिन शायरी, होली शायरी

    नमस्कार , मै ने आप के साथ अभी तक अपनी हर तरह की कि गई रचनाओं को साझा किया है और आगे भी करता रहूंगा और मै ये भी जानता हूँ की आप मेरा हमेशा साथ देते रहेंगे और मेरी रचनाओं को पढ़ने रहेंगे |

    आज मै आपके साथ अपनी लिखी मुबारकबाद की शायरीयों को साझा कर रहा हूं , मैने करिबन अब तक दस तरह के अलग अलग पर्व , त्योहार, जन्मदिन , नया साल आदी विषयों पर मुबारकबाद की शायरीयां लिखी है जिसे मैं आपके साथ साझा कर रहा हूं | एक पोस्ट मे दो विषयों पर शायरी प्रकाशित कर रहा हूं | आपके प्यार की आशा करता हूं |

🌸🌸 जन्मदिन शायरी 🌸🌸

जन्मदिन का ये ख़ास दिन मुबारक हो
आँखों में बसे नए सपने मुबारक हो
जिंदगी जो लाई है आपके लिए आज के दिन
वो तमाम खुशियों की मुस्कुराहटों की सौगात मुबारक हो

गिफ्ट मैं तुझे आज मेरा मन ही देता हूँ,
ये खुबसुरत मोका मैं गवाना नहीं चाहता हूँ,
अपने मन की बात सब के सामने बतलाता हूँ,
और तुम्हारे जन्म दिन की मुबारकबाद देता हूँ.

आकाश की उचाई पर नाम हो आपका,
चंद्रमा की धरती पर पैगाम हो आपका,
हम तो रहते है इस दुनिया में,
पर खुदा करे पुरा संसार हो आपका

दुआ मिले हर शख्स से खुशियां मिले संसार से,
साथ मिले कुनबे से किस्मत मिले खुदा से,
जीवन में आप को बेइंतहा प्यार मिले,
खुश रहे आप दुनिया में ज्यादा हम सुब से

रब काली नज़र से हमेशा बचाए आप को,
चांद सितारों से खूब सजाए आप को,
दर्द क्या होता है ये तुम भूल ही जाओ,
अल्लाह ज़िन्दगी मे इतना हँसाए आप को

उगता हुआ आफताव दुआ दे आपको,
खिलता हुआ गुल मुस्कान दे आपको,
मैं तो कुछ देने के लायक नहीं हूं
देने वाला करोड़ो खुशिया दे आपको.

मेरी तो मनोकामना है, कोई नाराजगी नहीं,
वो गुल जो आज तक खिला ही नहीं,
आपके जन्मदिन के दिन आपको वो सब कुछ मिले,
जो आज तक किसी को भी कभी भी मिला ही नहीं

गुलाब ने अमरता का जाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
खुशकिस्मत भरी हो जिंदगी आपकी,
ये दिल से हमने कलाम भेजा है

🌸🌸होली मुबारक 🌸🌸

रंगों की फुहार मुबारक हो
आम की चटनी नीबू का आचार मुबारक हो
सात रंगों की तरह आपके जीवन में खुशीयां बिखरे
आप को होली का त्यौहार मुबारक हो

आओ रंगों के जैसे हो जाए
सब से इतना घुल मिल जाए
आज के दिन हमारी तरफ से
होली की हार्दिक शुभकामनाएं

खुदा की सदा बंदगी हो
आपको अपने किए पर कभी ना शर्मिंदगी हो
पाकवानों की खुशबू की तरह दिन माहके
सातों रंगो की तरह जिंदगी हो

जिंदगी को सजाना सीख लो
गम को भुला ना सीख लो
यह मेरा मशवरा है
होली के रंगों से मुस्कुराना सीख लो

जीजा साली देवर भाभी की हमजोली
और मियां बीवी के मीठी जोरा जोरी
तहे दिल से कहता हूं
आप सबको हैप्पी होली

हर किसी की सूरत भोली भोली हो
जो भीगे रंग से वह लहंगा चोली हो
आज का यह दिन हमेशा याद रहे आपको
मेरी दुआ है यह आपकी सबसे अच्छी होली हो

     मेरी यह मुबारकबाद की शायरीयां अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस शेरो मुबारकबाद की शायरीय को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल

शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

कुछ रुह की सुना दूँ 3 , शेरो शायरी

  नमस्कार , कुछ और शेर कुछ मिसरे यू देखें के

ये नए जमाने का दौर है झूठ को सच मानते हैं
अंधेरे चरागों से चराग होने का सबूत मांगते हैं

इस मोहल्ले में रहने का अब वो मजा नहीं आता
मेरी खिड़की से मुझे मेरा चांद नजर नहीं आता
.
वो रौब से गुजारिश करते हैं कभी कभी
अरजीया इस तरह तो नहीं लगाई जाती

आज मैं फिर मेरे ईमान को नहीं जला पाया
खाली हाथ हूं इसलिए कि खुद की क़ीमत नहीं लगा पाया

अब कहां इस जहां में सच्चा इंसान मिलता है
यह वो बाजार है जहां कौड़ियों के भाव ईमान बिकता है

मजहब के आंड में हकीकत को झूठलाने लगे हैं  लोग
खुद के चिराग बुझाकर जुगनुओं पर उंगली उठाने लगे हैं लोग

वह देखिए तूफान पड़ा है बिखरा हुआ
सोच कर आया था कि मुझे रेजा - रेजा तोड़ देगा

मैं इस तरह से यू नजर नहीं आता
कुछ खो जाने का डर होता तो ठगों के इलाके में नहीं आता

मैं एक दरिया ही अच्छा हूं वह सागर  बनकर क्या फायदा
जो एक तिशनगी तक बुझा नहीं सकता

अपनी मातृभूमि के लाल हैं बब्बर शेर का कलेजा रखते हैं
जो ताले लगा दे हौंसलों पर हम उन कानूनों के दायरे में नहीं आते

मुझे मेरी काबिलियत का आइना मत दिखाओ जालिमो
सागर अपनी गहराई जानता है

मैं एक हीरा हूं जिसे लोग ईमान कहते हैं
मेरी कीमत सिर्फ उतनी नहीं जितनी जोहरी लगाता है

मैं अपनी आपबीती किसे सुनाऊं तितलियों
मैं दिल की कहता हूं तो लोग हंस कर टाल देते हैं

चंद लफ़्ज़ों की बात नहीं है कि कुछ सैकड़ा पन्नों में आ जाए
जिंदगी से किताब होती है किताब से जिंदगी नहीं होती

दिल की कहने से पहले उनका मिजाज भाप लेना जरूर
ठंडी बयार और लू में फर्क होता है #

बिना बेटियों के घर कैसा होगा
बिना चिड़ियों के घोसला देख लेना

सर्द झोंकों को मामूली समझकर चरागों को अटारी पर नहीं रखते
कभी होश , कभी पानी , कभी बस्तियां कभी , छप्पर ये हवाएं नजाने क्या-क्या उड़ा लेती हैं

मुल्क की असलियत और तरक्की देखनी है तो मजहब का चश्मा उतारिए
कोहरे में साफ रोशनी नजर नहीं आती

     मेरी यह शेरो शायरी अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस शेरो शायरी को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

कुछ रुह की सुना दूँ 2 , शेरो शायरी,

  नमस्कार , कुछ शेर कुछ मिसरें यू देखें के

आपकी आदत का ये हिस्सा भी बेहिसाब है
जमाने भर की बुराई खुद करके कहते हैं ,जमाना खराब है

प्यार करना , मगर जबरन हक मत जताना
उनका प्यार फूल है , फूलों को जरा आहिस्ता सहलाना

वह अगर तुमसे रूठ जाए , यह हक है उनका
तो तुम  उन्हें मनाना , तुम भी उनसे मत रुठ जाना

बड़ा अलग सा सुकून मिलता है ऐसा करने में
तुम भी कभी बेवजह मुस्कुराया करो

जवानी में भी बच्चा मां के लिए सिर्फ बच्चा होता है
उसे उसके बढ़ती उमर नजर नहीं आतीअक्सर पड़ी रहती है किसी कोने में सामान की तरह
जवानी में बच्चों को मा , मा नजर नहीं आती

चंद सांसे ना मिली तो इस जहां से रुकसती हो जाती है
रत्ती भर जिंदगी है बस

हां ये सच है मैं टूटा जरूर हूं
मगर मुझे कांच सा बिखरना नहीं आता #

वो और लोग होंगे जो अपने रुख से पलट जाते हैं
सच बात कह कर मुझे मुंकरना नहीं आता #

वो हर छोटी मोटी बात का हिसाब करते हैं
मुझे यह समझ में नहीं आता वो प्यार करते हैं कि मजाक करते हैं

नाजुक गुलाब की पंखुड़ियों को नोचकर इधर-उधर फेका जाता है
नाराजगी कभी-कभार यूं भी जताई जाती है #

सिक्के के दो पहलू एक तरफ नहीं हो सकते
सौदागर से मोहब्बत नहीं होती या मोहब्बत में सौदायगी नहीं होती

कद बढ़ा , हाथ पहुंचे तो ठीक वरना ना सही
मैं रेत के टीलों पर चढ़कर आसमान नहीं छूना चाहता

वो अक्सर पूछते रहते हैं यह तुम्हें कैसे मालूम जब मैंने बताया ही नहीं
उन्हें यह नहीं मालूम कि मुझे आंखों से चेहरे पढ़ने की आदत है

अगर कहीं पर्दा है तो रहना जरूरी है
इंसान को इंसान बना रहना जरूरी है

चाकू-छुरी तलवार खंजर इनकी जरूरत क्या है
बस एक लफ्ज़ कलेजा चीर सकता है

कागज के चंद टुकड़ों में आकर मोहब्बत को नीलाम कर देता
मैं भी तुम्हारी तरह होता तो तुम्हें बदनाम कर देता

जहां भी रहूं जिस हालात में भी रहूं मैं आदतन सच कहता हूं
यह एक ऐब और भी मुझ में है

कालीख को उसने राख से उजला कर दिया
एक सितारे की चमक ने  इंसानी लाशों को धुंधला कर दिया

सच कहना गुनाह है तो गुनहगार हूं.
अगर कानून ये है तो सजा का हकदार हूं

     मेरी यह शेरो शायरी अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस शेरो शायरी को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

कुछ रुह की सुना दूँ 1, शेरो शायरी

  नमस्कार , कुछ और शेर कुछ मिसरे यू देखें के

यहां खचाखच भीड़ है कुछ मांगने वालों  की
आप कुछ देने वाले हैं तो उधर से निकल जाइए

मेरे करीब से तेरा गुजर जाना भी  कयामत ढाता है
मुझे देखकर तेरा मुस्कुराना भी कयामत ढाता है

खूबसूरती इतनी है कि उफ
यूं बात-बात पर तेरा रूठ जाना भी कयामत ढाता  है

सावन में उष्ण हे फागुन में नमी हो रही है
मसला ये था ही नहीं , कही की बात है और कहीं हो रही है

कब्रों में रहने वालों की किमत नही समझती
दुनियां कब्रों को बड़ा समझती हैं

भले आसमानों पर आज के उस्तादों का कब्जा है
मगर पुराने दरख़्त नए परिंदों को आसरा देते हैं

गमों ने रिस रिस कर दिल में दर्द का समंदर बना दिया है
यू ही तनहा नही हो गया हूं मैं

हवा पानी जमी आसमा की बिसात न बदल दे वो
वो बदलने पर आया है खुदा कहीं तेरी जात न बदल दे वो

चांद का नूर जरा जरा सा बढ़ता जा रहा है
कोई है के पल पल दिल में उतरता जा रहा है

गुरबत और अमीरी की नाराजगी तो देखिए
तालाब दिन पर दिन सूखते जा रहे हैं समंदर है के बढ़ता जा रहा है

नाराजगी का दायरा चाहे जो कुछ भी हो
अगर किसी से उम्र भर की दोस्ती हो जाए तो निभानी पड़ती है

खुद अपने हाथ से अपनी दुनिया बेरंग मत करो यारों
आंख पर पट्टी लगाकर लुका छुपी खेलने वालों

तेरी एक छोटी सी झुकती हुई नजर वाली मुस्कान ने मार डाला मुझको
वरना मरना इतना भी आसान नहीं है

यूं भी नसीब का मजाक मत उड़ाया करो यारों
चलने से तुम्हारे पांव दर्द करते हैं अरे जो हाथ से चलते हैं उनकी तो सोचो

मुझे बड़ों से बुजुर्गों से पेश आने का सलीका आता है
मियां मुझे भी थोड़ी बहोत उर्दू आती है

     मेरी यह शेरो शायरी अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस शेरो शायरी को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

Trending Posts