बुधवार, 2 जनवरी 2019

कविता, नए साल का स्वागत है

    नमस्कार , 'नए साल का स्वागत है',Happy New Year 2019 | आपको एवं आपके सम्पूर्ण परिवार को हरिनारायण तनहा की ओर से नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ , यह वर्ष आपके जीवन में ढेर सारी खुशीयॉ एवं कामयाबी लेकर आए मै यही चाहता हूं | आइए हम मिलकर कहते हैं 'नए साल का स्वागत है '|

नए साल का स्वागत है

ये जो वर्ष आज की रात गुजर जायेगा
मेरे मन में कई अच्छी बुरी यादें छोड़ जायेगा
ऐसे अनगिनत लम्हें याद है मुझे जब मै खुश था
न जाने कितने पल ऐसे याद रह जाएंगे
जब मै नाखुश था
सारी कामयाबीयां नाकामीयां
कमानिया बन कर रह जाएंगी
कुछ घटनाएं भुल जाने का मन करेगा
कुछ तो बहोत याद जाएंगी
ऐसे ही जज़्बातों ख्यालातों और भावनाओ का
एक नया पिटारा नए साल के रुप में
मेरी ज़िन्दगी को नए आयाम नयी दिशा
देना चाहता है
मेरी तरफ से
नए साल का स्वागत है

      मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

कविता, नया वर्ष , पुराना साल

     नमस्कार , इस कविता में मैने उन सभी सपनाें उम्मीदों के बारे में बात की है जो इस गुजरते हुए वर्ष मे पुर्ण नही हो पाई उन्हें मै नए साल के हवाले कर रहा हूं , मेरी यह कविता दिसंबर 2012 मे लिखित रचनाओं की आखरी कड़ी है |

नया वर्ष , पुराना साल

मैं और मेरे मन का ख्याल
यह नया वर्ष वह पुराण साल

यह एक बित्ता सतनाम
      वह उम्मीद की किरण
यह एक डूबता सूरज
      वह सुबह की ठंडी पवन
यह एक चमक चुकी चांदनी
      वह पूर्णिमा किसी रात
यह जिसमें बीत चुका यथार्थ
      वह आशाओं का उजला प्रभात

मैं और मेरे मन का ख्याल
यह नया वर्ष वह पुराण साल

यह जिसमें टूट गया हर सपना
      वह नई ख्वाहिशों का आंगन अपना
यह जिसमें टूट गया हौसला
      वह जो देगा नया हौसला
यह एक सुना बीहड़
      वह जैसे पतझड़ का मौसम
यह जिसमें छुटी मंजिल
      वह जिसमें जीतेंगे हर दिल

मैं और मेरे मन का ख्याल
यह नया वर्ष वह पुराण साल
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      मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

ग़ज़ल, प्यार समझने की गलती होगी

    नमस्कार , गजल कुछ इस तरीके से भी लिखी जाती है | जैसा के मैने पहले के प्रकाशनों में बताया है मैने ये गजल 2012 के दिसंबर में लिखा था | आज आपके मिजाज को समझते हुए मै ये गजल प्रकाशित कर रहा हूं |

कल तलक के ख्यालों को
प्यार समझने की गलती होगी
जो हमारे कभी थे ही नहीं
उन्हें अपना समझना गलती होगी

रेशमी जुल्फों वाली शरबती आंखो वाली
शादी की से भरी सितम होगी
चांद जैसे मुखड़े पर से आती
आकाश में नई रोशनी होगी

डर है तो सिर्फ इस दुनिया का
पर यहां परवानों को परवान चढ़ी होगी
मुशायरे की महफिल में बैठा था आज वह जाकर
वहां आज जरूर आशिकों में ग़ज़ल पढ़ी गई होगी

     मेरी गजल के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

नज्म, चाहतें यही हैं मैं आपको चाहता हूं

     नमस्कार , मेरी ये एक और छोटी सी नज्म जिसे मै आज आपके समक्ष सर्वप्रथम रख रहा हूं और चाहता हूं की आप इसे भी अपना थोड़ा सा वक्त देकर पढ़े | ये नज्म भी मैने दिसंबर 2012 में लिखी थी, इसलिए इसमें मेरी लेखनी छोटी एवं अनुभव रहित लग सकती है |

चाहतें यही हैं मैं आपको चाहता हूं

खिदमत में आपके अर्ज करता हूं
चाहतें यही हैं मैं आपको चाहता हूं

चांदी जैसे नही सोने जैसा आपका मुखड़ा है
मैं मुखड़े पर नहीं आपकी अदाओं पर मरता हूं

इंकार की कोई सूरत तो नहीं मगर फिर भी   परखता हूं
मैं आपके जवाब से नहीं आप की बेवफाई से डरता हूं

चाहे कुछ भी नहीं मिला फिर भी हिचकता नही मै
बस ऐसे ही बेइंतहा मोहब्बत को तरसता हूं

      मेरी नज्म के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें , अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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