गुरुवार, 18 नवंबर 2021

ग़ज़ल , एक दिन मैं सबको चौका दूंगा

एक दिन मैं सबको चौका दूंगा

उस दिन में जिंदगी को धोखा दूंगा

मेरी मौत पे शायद होंगे सब परिवार के लोग इक्ट्ठा
मैं मरकर ही सही सबको मिलने का एक मौका दूंगा

गर कोई करे जुरअत तुम्हें जबरदस्ती छूने की
तुम मां काली भी हो, मैं मेरी बेटी को ये समझा दूंगा

वो करती है गुमान मुझे छोड़ जाने का 
उसे मैं आसमां से एक परी बुलाकर दिखा दूंगा

अगर रखेगा खयाल वो तुम्हारा ए दोस्त
खुदा क़सम मैं मेरे रकीब को भी दुआ दूंगा

✍🏻Rahul Jerry

October 11 , 2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Trending Posts