नमस्कार 🙏विधा कविता में विषय अपनों का गम पर दिनांक 4/4/2021 को मैने एक रचना की थी जिसे आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं
अपनों को खोकर
आपनों को खोकर
जीवन रस फिका लगेगा
न अब सावन
लगेगा मन भावन
और फागुन
फिका फिका लगेगा
पकवान अब कोई
न मीठा लगेगा
आपनों को खोकर
जीवन रस फिका लगेगा
मेरी ये कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |
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