शनिवार, 1 मई 2021

ग़ज़ल, कोई आसान नहीं है दोस्ती

      नमस्कार , साहित्य संगम संस्थान मध्यप्रदेश इकाई पटल पर विषय - दोस्ती विधा - ग़ज़ल पर मैने दिनांक - 30/4/2021 को यह रचना की थी जिसे आपके समक्ष रख रहा हूं |

कोई आसान नहीं है दोस्ती 

कैसे आसमान नहीं है दोस्ती 


घर से कम नही है मेरा यार

मगर मकान नही है दोस्ती 


गैर जरुरी कानून है हैसियत 

कोई अपमान नहीं है दोस्ती 


गाढ़ा वक्त गुजर जाए तो कन्नी 

कोई सामान नही है दोस्ती 


घाटा मुनाफा देखते रहें तनहा 

कोई दुकान नही है दोस्ती

    मेरी ये ग़ज़ल आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |

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