सोमवार, 15 अक्टूबर 2018

कविता, वो एक बड़ी अच्छी दोस्त है मेरी

    नमस्कार, सर्वप्रथम आप को नवरात्रि कि हार्दिक शुभकामनाएँ , नवरात्रि के पावन पर्व पर मै मां दुर्गा के चरणों में समर्पित एक भजन लिखने की कोशिश कर रहा हूं जिसे मैं जल्द ही आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | आज मै एक दोस्त की खास फरमाइस पर एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूं | ये जो दोस्त है मेरी बडे लम्बे अरसे से मेरी कविताओं की प्रशंसक रही हैं आप की तरह ,तो जब उन्हों ने अपने लिए एक खास कविता कि इच्छा मुझसे जाहिर की तो मै मना नही कर पाया | तो इस कविता का आप आनंद लीजिए और पढ़कर बताइए की कैसी रही |

मेरी एक बड़ी अच्छी दोस्त है

डॉली तुम जानती हो क्या उसे
वो मेरी बड़ी अच्छी दोस्त है
वो भोपाल से आती है
वह भोपाल जो अपने
सिंगार प्रियता के लिए जाना जाता है
वो भी उसी शहर से आती है
उसका वहां पैतृक निवास है या नहीं
मुझे नहीं मालूम
कॉलेज में आते ही
वापस जाने के लिए फिक्रमंद रहती है
इंटरनेट पर बार-बार
भोपाल वापसी की ट्रेन सर्च करती रहती है
और तुम्हें मालूम है
बहुत चंचल है
बड़ी सादा दिल की लड़की है
प्रोफेसरों से बड़ी मासूमियत से
ऐसे प्रश्नों को भी बेझिझक पूछ लेती है
जिन्हें में दस बार सोचकर भी नहीं पूछ पाता
हाल ही में उसे
भारत की एक प्रमुख तकनीकी कंपनी ने
नौकरी दी है
या यूं कहूं तो कंपनी वालों ने
जिज्ञासाओं से भरी एक मासूम तितली को
नौकरी पर रख लिया है
जो अपने रंग बिरंगे पंखों को फैलाए
कामयाबी के आसमान में उड़ती रहेगी
और हजारो रंग बिखेरती रहेगी



    मेरी कविता के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिस आपको कैसी लगी है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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