जय श्री कृष्ण , शसरियाकाल ,आदाव , शायरी में हर शायर कि जहनी सोच , अनुभव तथा कल्पनाओं कि झलक होती है | हर असार हर एक शेर किसी न किसी मक़सद को बया करता है | चाहे शायरी सुनी ,पढी या लिखी जाये हमेसा दिल को सुकून पहुचाती है
उर्दू शायरी कि जानिब से मेरे ये कुछ असार देखे , एक मतला और एक शेर यू होता है के -
मेरे करीब से तेरा गुजर जाना भी , कयामत ढाता है
मुझे देखकर तेरा मुस्कुराना भी , कयामत ढाता है
मुझे देखकर तेरा मुस्कुराना भी , कयामत ढाता है
खूबसूरती इतनी है कि उफ
यूं बात-बात पर तेरा रूठ जाना भी , कयामत ढाता है
यूं बात-बात पर तेरा रूठ जाना भी , कयामत ढाता है
ये कुछ चंद शेर और समात फर्माये
सर्द झोंकों को मामूली समझकर चरागों को अटारी पर नहीं रखते
कभी होश , कभी पानी , कभी बस्तियां कभी , छप्पर यह हवाएं नजाने क्या-क्या उड़ा लेती हैं
कभी होश , कभी पानी , कभी बस्तियां कभी , छप्पर यह हवाएं नजाने क्या-क्या उड़ा लेती हैं
मुल्क की असलियत और तरक्की देखनी है तो मजहब का चश्मा उतारिए
कोहरे में साफ रोशनी नजर नहीं आती
कोहरे में साफ रोशनी नजर नहीं आती
चंद लफ़्ज़ों की बात नहीं है कि कुछ सैकड़ा पन्नों में आ जाए
जिंदगी से किताब होती है किताब से जिंदगी नहीं होती
जिंदगी से किताब होती है किताब से जिंदगी नहीं होती
दिल की कहने से पहले उनका मिजाज भाप लेना जरूर
ठंडी बयार और लू में फर्क होता है
ठंडी बयार और लू में फर्क होता है
बिना बेटियों के घर कैसा होगा
बिना चिड़ियों के घोसला देख लेना
बिना चिड़ियों के घोसला देख लेना
और अब ये मख्ते का शेर देखें के
महफूज हो अब तक जो किसी से मोहब्बत नहीं हुई
मालूम होते हो हो समझदार , बहोत
मालूम होते हो हो समझदार , बहोत
मेरी शेरो शायरी कि ये बातें आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार नयी रचनाओं के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
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