तपती हुई धूप जब रेत पर पड़ती है तो यूं लगता है कि जैसे प्रकृति किसी क्रोध की अग्नि में जल रही हो और यह ग्रीष्म का मौसम उसी क्रोध का परिणाम हो | इस ग्रीष्म के मौसम में पसीने से लतपथ होने पर अगर कहीं पेड़ों की ठंडी छाया मिल जाए तो यूं लगता है कि जैसे प्रियतमा आंचल हो |
चार महीनों की तपन के बाद जब आषाढ़ का महीना आता है तो आशाएं मुस्कुराने लगती हैं | मौसम धीरे-धीरे करवटें बदलने लगता है और सारी प्रकृति वर्षा ऋतु मौसम के पहली बरसात का इंतजार करने लगती है | जब पहली पहली बरसात होती है तो बरखा की बूंदें , सर्द हवाएं प्रियतमा के मन मे मिलन की ख्वाहिशों को बढ़ा देती है | चमकती हुई बिजलियां , गरजते हुए बादल दिल में चाहतों की अगन लगा देते हैं | बरखा ऋतु के इस मौसम में जब धरती हरियाली से सुशोभित होती है तो हर प्रियतमा यह चाहती है कि उसका प्रीतम उसके साथ रहे |
चार महीनों की तपन के बाद जब आषाढ़ का महीना आता है तो आशाएं मुस्कुराने लगती हैं | मौसम धीरे-धीरे करवटें बदलने लगता है और सारी प्रकृति वर्षा ऋतु मौसम के पहली बरसात का इंतजार करने लगती है | जब पहली पहली बरसात होती है तो बरखा की बूंदें , सर्द हवाएं प्रियतमा के मन मे मिलन की ख्वाहिशों को बढ़ा देती है | चमकती हुई बिजलियां , गरजते हुए बादल दिल में चाहतों की अगन लगा देते हैं | बरखा ऋतु के इस मौसम में जब धरती हरियाली से सुशोभित होती है तो हर प्रियतमा यह चाहती है कि उसका प्रीतम उसके साथ रहे |
मौसम की पहली बरसात की अनेकों भावनाओं , यादों को समेटे हुए मैंने एक गीत लिखने की कोशिश की है | मेरी ख्वाहिश है कि मेरी यह गीत आप सभी के दिलों को छू जाए -
मुझे पहली बरसात का इंतजार है
चार माह की तपन
लगा गई मन में अगर
अब आया महीना आषाढ़ का
अब टूट गया बांध पिया मेरे सब्र और इंतजार का
अब लौट आओ वतन अगर तुम्हें मुझसे प्यार है
मुझे पहली बरसात का इंतजार है
किसके लिए खनके मेरी यह पायल
कौन लहराता मेरा प्यार से आंचल
मेरी सखियों के साजन लौट आए
कैसे मेरे मन को चैन आए
मत आना इस बार भी मेरा मरना गर तुम्हें स्वीकार है
मुझे पहली बरसात का इंतजार है
जब बरसात का जिक्र हो रहा है तो मुझे यकीन है कि बरसात को लेकर आप सभी के मन में भी यादों के कई दरवाजे खुल गए होंगे | कुछ खट्टे मीठी घटनाएं आपके मन में दस्तक दे रही होंगी | इस मौसम की पहली बरसात भी आने वाली है | और इस बरसात को भी हम सभी इस तरह जिए के इस बरसात कि कुछ यादों का पन्ना हमारे जिंदगी में जुड जाए |
मेरी यह गीत आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |
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