बुधवार, 14 जून 2017

रक्तदान

  
        14 जून 2017 आज की तारीख और आज का दिन परोपकार का , खुशियां बांटने का दिन है | जी हां आज विश्व रक्तदान दिवस है | अगर आप किसी जरुरतमंद को अपने खून का कुछ कतरा दान में देते हैं और इससे उसका जीवन बच जाता है तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या होगी , इससे बड़ा परोपकार और क्या होगा कि आप किसी को जीवन दान देंगे |

   
हर पल किसी ना किसी को रक्त की जरूरत होती है | रक्तदान करने के लिए किसी आपदा का इंतजार ना करें | अगर आप स्वस्थ हैं , सक्षम हैं और कुछ दान में देना चाहते हैं तो धन दौलत का दान  देने से अच्छा है कि अपना कुछ कतरे रक्त देकर किसी को जीवन दान दे | आपका प्रत्येक रक्तदान एक से अधिक जीवन को बचा सकता है |

    18 से 65 वर्ष तक के स्वस्थ व्यक्ति 1 वर्ष में 3 से 4 बार तक रक्तदान कर सकते हैं | रक्तदान प्रक्रिया एक सुरक्षित प्रक्रिया है | रक्तदान करें , हमेशा करें | रक्तदान किसी लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक को ही करें | रक्तदान संबंधित अधिक जानकारी एवं  लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंको की सूची के लिए https://www.nhp.gov.in/  पर लॉगिन करें|


    रक्तदान को प्रचारित एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य को साकार करने के मकसद से मैंने एक कविता लिखने की चेष्टा की है | मेरी कामना है कि मेरी यह कविता आप सभी को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करें -

रक्तदान

हमारा एक कतरा रक्त
बचा सकता है किसी के जीवन को
अगर हम स्वस्थ एवं सक्षम हैं तो
बल्कि ना करें धन दौलत का दम
इसके बदले कर दे
कुछ  कतरो  का रक्तदान

हम सब मानव हैं , मानवता है धर्म हमारा
दयावान , गुणवान है हम सब इंसान हैं
परोपकार है कर्तव्य हमारा
नेकी के हम फ़रिश्ते बन जाएं
किसी मरते इंसान को दे दे जीवन का वरदान
कर दे कुछ  कतरो  का रक्तदान

जो तत्पर रहे परहित को
ऐसा जीवन धन्य है
किसी के दुख को सुख में बदल देना
सबसे बड़ा पुण्य है
एक प्रयास हम भी करें खुशियां बांटने का
बढ़ जाएगा अनंत इस जीवन का सम्मान
कर दे कुछ  कतरो  का रक्तदान

रक्तदान संबंधित अधिक जानकारी के लिए www.nhp.gov.in  पर लॉगिन करें |

   
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

सोमवार, 12 जून 2017

अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

   आपको भूतों से डर लगता है ? यह सवाल अगर किसी  से भी पूछा जाए तो उसका जवाब ना होगा लेकिन अगर कोई रात के वक्त आपके पास आकर अचानक कहे ,'वह देखो भूत' तो दिल डर सा जाता है डरने की वजह कहीं ना कहीं उस अंधविश्वास को मानना है कि दुनिया में भूत होते हैं | जबकि विज्ञान के अनुसार भूत जैसी कोई भी चीज दुनिया में नहीं होती और यह बात हर पढ़ा लिखा व्यक्ति जानता है | लेकिन फिर भी ऐसी बातें सुनकर डर जाता है क्योंकि हम बचपन से ही भूत प्रेतों की कहानियां सुन-सुनकर और भूतिया धारावाहिको को देखते हुए बड़े हुए हैं इसीलिए हमारा मन ना चाहते हुए भी कहीं ना कहीं इस अंधविश्वास को मानता है की भूत है | यह शायद मानवीय मनोविज्ञान की बात  हो सकती है |

अंधविश्वास

    हमारे देश में अंधविश्वास इस कदर है कि बीमारियों का इलाज भी पहले किसी डॉक्टर से नहीं बल्की झाड़ फूंक करने वाले बाबाओं से कराया जाता है  | और ऐसे झाड़-फूंक वाले ढोंगी बाबा लोगों की अंधश्रद्धा का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं और अपनी झोलियां भरते हैं | काला जादू , टोना टोटका आदि जाने कितने ऐसे अंधविश्वास है  जिन पर लोग यकीन रखते हैं | नरबलि जैसी घटनाएं अक्सर प्रकाश में आती रहती हैं जिनकी वजह बनता है लोगों का अंधविश्वास |

अंधविश्वास

    हम 21वीं सदी में जी रहे हैं जिसे विज्ञान का युग कहां जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी | लेकिन आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास विद्यमान है | अब जरूरत है कि समाज के हर व्यक्ति को , हर वर्ग को , हर समुदाय को अंधविश्वास के प्रति जागरूक  कराया जाए | जागरूकता की यह मुहिम सरकारी तथा गैर सरकारी भी हो | और इस जागरूकता मुहिम में हम आम जन भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें |

   अंधविश्वास के प्रति जागरूकता की एक छोटी सी मुहिम का आगाज एक कविता लिखकर मैंने अपने स्तर पर करने की कोशिश की है | मुझे उम्मीद है कि जागरूकता की इस मुहिम में आप सब भी हिस्सा लेंगे | कविता कुछ इस तरह है -

अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

विज्ञान के इस युग में
हमने सागर की गहराई नापली
आसमान की ऊंचाई नापली
फिर भी भूत-प्रेत चुड़ैल डायन की अफवाहें हैं
इस डर को भगाना पड़ेगा
अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

आज हमें चांद तक जाने का रास्ता मालूम है
हमें  सूर्य के चमकने का कारण मालूम है
पूरी दुनिया  की संरचना मालूम है
फिर भी हम काले जादू , टोने - टोटके में विश्वास करते हैं
हमें इन अंधविश्वासों को मिटाना पड़ेगा
अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

हम पृथ्वी का इतिहास जानते हैं
अब मानव शरीर की संरचना को जानते हैं
हम भविष्य में होने वाली घटनाओं का  पूर्वअनुमान लगा सकते हैं
लेकिन फिर भी झाड़ फूंकवो बाबाओं तांत्रिकों को अपना वैद्य मानते हैं
ऐसे ढोंगी पाखंडियों झाड़ फूंकवो बाबाओं तांत्रिकों को सबक सिखाना पड़ेगा
इनको धूल चटाना पड़ेगा
अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा


   मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

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