बुधवार, 10 अप्रैल 2019

ग़ज़ल, तनहा ये तरिका बदलना पड़ेगा तुम्हें

    नमस्कार, आज ही लिखी मेरी इस गजल के कुछ शेर यू देखे कि

अब अथाह गहराई तक उतरना पड़ेगा तुम्हें
ओंठ से दिल तक का रास्ता बहोत लम्बा है बहोत दुर तक चलना पड़ेगा तुम्हें

हुस्न भी हुस्न के बगैर बेकाम है
इन खुबसुरत चेहरों के लिए कुछ शेर कहना पड़ेगा तुम्हें

मोहब्बत को मां के हाथ का बना हलवा मत समझलेना
एक ही ज़िन्दगी में कई बार जीना मरना पड़ेगा तुम्हें

अब भी अगर खामोश रहे तो सर काट डाला जाएगा
अपनी जान बचाने के लिए अब लड़ना पड़ेगा तुम्हें

इस कमरे के हर कोने को रोशनी की जरुरत है
जुगनूओं अब चिराग बनकर जलना पड़ेगा तुम्हें

ऐसे तो उन्हें मोहब्बत समझ में आने से रही
तनहा ये तरिका बदलना पड़ेगा तुम्हें

     मेरी यह गजल अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस गजल को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

शनिवार, 6 अप्रैल 2019

भोजपुरी लोकगीत, चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

     नमस्कार , आज इंटरनेट की क्रांती ने आज हर भषा को लाभ पहुँचाया है यही वजह है की न शिर्फ राष्टीय भाषा बल्कि क्षेत्रीय भाषाओ की पहोच में बहोत इजाफा हुआ है | मैं यहा मेरी लिखी एक नयी भोजपुरी लोकगीत आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं

एकर वाईफाई कनेक्शन पियवा के पासबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

जवानी के फयदा केहु अउर न उठाई
अनजान कनेक्शन जुडहु न पाई
हमार जोबना पोरटेक्टेड बा ए देवरजी
माजा जे चाही त भईया से अपना पासवर्ड लाई
हमार इहे निहोरा तोहरे से आजबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

एनो ओने छुई ना रांग होजाई
गलत डलला से जवानी के सिस्टम हैंग होजाई
झिन करी बरियारी मान जाई बलिया
राउर भईया के नोटिफिकेशन सेंड हो जाई
जाई देंखे आई गउआं में आज मुन्नी के नाचबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

एकर वाईफाई कनेक्शन पियवा के पासबा
सून ए देवरु
चोली में हमरा पैटर्न लाकबा

     मेरी भोजपुरी लोकगीत अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस भोजपुरी लोकगीत को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

भोजपुरी लोकगीत, तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

     नमस्कार , आज इंटरनेट की क्रांती ने आज हर भषा को लाभ पहुँचाया है यही वजह है की न शिर्फ राष्टीय भाषा बल्कि क्षेत्रीय भाषाओ की पहोच में बहोत इजाफा हुआ है | मैं यहा मेरी लिखी एक नयी भोजपुरी लोकगीत आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं

तोहरा जईसन बनावल अब छोड़ देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

कान के बाली ओठवा के लाली
काली रे केसिया बिंदीया के लाली
मुस्की बा अइसन जइसे फूलेला गुलाब
जान मारे तोहरे चोलीया के जाली
लागे हमार नसीब तोहसे जोड देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

सोलह के उमरिया पातर कमरिया
मिलाब न हमरा से अइसे नजरिया
बहिया में आजा करेजा में समाजा
बन गईलु धनिया ए हो रनिया
बस तोहके लिखके पेज मोड देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

तोहरा जईसन बनावल अब छोड़ देले होइहए
भगवानजी तोहके बनाके सांचा तोड़ देले होइहए

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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

ग़ज़ल, हुस्न की रंगत में निखार लाने को

     नमस्कार , एक नयी गजल के साथ मैं फिर हाजिर हूं आपके आंगन में मेरी बाकी सभी गजलों की तरह इसे भी पढीए एवं अपने प्यार से नवाजिए

हुस्न की रंगत में निखार लाने ने को
तरस रहे हैं दिवाने करार पाने को

सुना है के आज वो महफिल में आएगा
सजा दिया है चिराग़ों से शराबखाने को

मेरा दिल भी उल्टी गंगा बहता है
तब तब याद आई है वो जब जब चाहा भुलजाने को

आंख हो खामोश लेकिन लवों पर हंसी हो
रोना कहते हैं ऐसे मुस्कुराने को

ये वो गली है जहाँ रोज तूफान आता है
वो जिद पर अडा है यही घर बनाने को

हयात तो तनहा तमाम हो ही जाएगी
मर जाना कहते हैं मगर डर जाने को

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