सोमवार, 12 जून 2017

अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

   आपको भूतों से डर लगता है ? यह सवाल अगर किसी  से भी पूछा जाए तो उसका जवाब ना होगा लेकिन अगर कोई रात के वक्त आपके पास आकर अचानक कहे ,'वह देखो भूत' तो दिल डर सा जाता है डरने की वजह कहीं ना कहीं उस अंधविश्वास को मानना है कि दुनिया में भूत होते हैं | जबकि विज्ञान के अनुसार भूत जैसी कोई भी चीज दुनिया में नहीं होती और यह बात हर पढ़ा लिखा व्यक्ति जानता है | लेकिन फिर भी ऐसी बातें सुनकर डर जाता है क्योंकि हम बचपन से ही भूत प्रेतों की कहानियां सुन-सुनकर और भूतिया धारावाहिको को देखते हुए बड़े हुए हैं इसीलिए हमारा मन ना चाहते हुए भी कहीं ना कहीं इस अंधविश्वास को मानता है की भूत है | यह शायद मानवीय मनोविज्ञान की बात  हो सकती है |

अंधविश्वास

    हमारे देश में अंधविश्वास इस कदर है कि बीमारियों का इलाज भी पहले किसी डॉक्टर से नहीं बल्की झाड़ फूंक करने वाले बाबाओं से कराया जाता है  | और ऐसे झाड़-फूंक वाले ढोंगी बाबा लोगों की अंधश्रद्धा का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं और अपनी झोलियां भरते हैं | काला जादू , टोना टोटका आदि जाने कितने ऐसे अंधविश्वास है  जिन पर लोग यकीन रखते हैं | नरबलि जैसी घटनाएं अक्सर प्रकाश में आती रहती हैं जिनकी वजह बनता है लोगों का अंधविश्वास |

अंधविश्वास

    हम 21वीं सदी में जी रहे हैं जिसे विज्ञान का युग कहां जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी | लेकिन आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास विद्यमान है | अब जरूरत है कि समाज के हर व्यक्ति को , हर वर्ग को , हर समुदाय को अंधविश्वास के प्रति जागरूक  कराया जाए | जागरूकता की यह मुहिम सरकारी तथा गैर सरकारी भी हो | और इस जागरूकता मुहिम में हम आम जन भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें |

   अंधविश्वास के प्रति जागरूकता की एक छोटी सी मुहिम का आगाज एक कविता लिखकर मैंने अपने स्तर पर करने की कोशिश की है | मुझे उम्मीद है कि जागरूकता की इस मुहिम में आप सब भी हिस्सा लेंगे | कविता कुछ इस तरह है -

अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

विज्ञान के इस युग में
हमने सागर की गहराई नापली
आसमान की ऊंचाई नापली
फिर भी भूत-प्रेत चुड़ैल डायन की अफवाहें हैं
इस डर को भगाना पड़ेगा
अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

आज हमें चांद तक जाने का रास्ता मालूम है
हमें  सूर्य के चमकने का कारण मालूम है
पूरी दुनिया  की संरचना मालूम है
फिर भी हम काले जादू , टोने - टोटके में विश्वास करते हैं
हमें इन अंधविश्वासों को मिटाना पड़ेगा
अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा

हम पृथ्वी का इतिहास जानते हैं
अब मानव शरीर की संरचना को जानते हैं
हम भविष्य में होने वाली घटनाओं का  पूर्वअनुमान लगा सकते हैं
लेकिन फिर भी झाड़ फूंकवो बाबाओं तांत्रिकों को अपना वैद्य मानते हैं
ऐसे ढोंगी पाखंडियों झाड़ फूंकवो बाबाओं तांत्रिकों को सबक सिखाना पड़ेगा
इनको धूल चटाना पड़ेगा
अब सर्वत्र ज्ञान का दीया जलाना पड़ेगा


   मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

शनिवार, 27 मई 2017

किसी का चेहरा जब दिल चुरा ले

'प्यार' बस! इतना सुनते ही सबके मन में अलग अलग विचार आने लगते हैं | जिन्हें प्यार हो चुका है उन्हें अपने प्यार की याद आती है , उन हसीन लम्हों की याद आती है जो उन्होंने अपने प्यार के साथ बिताया है या बिता रहे हैं | और जिन्हें प्यार नहीं हुआ है उनके मन में कुछ सवाल उठने लगते हैं | जैसे कि प्यार क्या होता है ? कब होता है ? कैसे होता है ? किससे होगा ? कहां होगा ?इत्यादि इत्यादि

प्यार का एहसास

      मेरे ख्याल से प्यार दिल की वह भावना है जो किसी के लिए कहीं भी किसी भी वक्त जागृत हो सकती है | किसी को प्यार होने के लिए किसी खास पहनावे , अंदाज या मुहूर्त की जरूरत नहीं होती | हां यह अलग बात है कि अपने प्यार का एहसास किसी को बहुत जल्दी हो जाता है , किसी को कुछ महीनो बाद होता है तो किसी किसी को कुछ सालों बाद भी हो सकता है | लेकिन यह तो तय बात ही समझिए कि हर किसी को किसी किसी से प्यार तो जरूर होता है |

    
अभी तक आपने प्यार के बारे में जितना सुना होगा या पढ़ा होगा उनमें से सबसे ज्यादा 'पहली नजर का प्यार' इसी के बारे में  बातचीत सबसे ज्यादा हुई होगी | पहली नजर के प्यार पर मैंने भी एक गीत लिखी है , मेरा ख्याल है मेरी यह गीत आपको अपने प्यार की याद जरूर दिलाएगी -

किसी का चेहरा जब दिल चुरा ले

प्यार का एहसास

कोई जब निगाहों से अपना बना ले
बताओ गुनाहगार कौन है
किसी का चेहरा जब दिल चुरा ले
बताओ गुनाहगार कौन है

उन्होंने ही नजरों से नजरें मिलाया
उन्होंने अदाओं का जादू चलाया
चोरी - चोरी खत लिखते हैं
फिर भी कहते हैं मोहब्बत नहीं है
हम तो जमाने के निगाहो मे है
बताओ वफादार कौन है

उन रास्तों को तकता हूं मैं
जिन रास्तों से गुजरते हैं वह
बिना काम के वह यहां तक आते
यूं ही यहां से गुजरते हैं वह
मुझे देखकर मुस्कुराते हैं वह
बताओ तलबगार कौन है

कोई जब निगाहों से अपना बना ले
बताओ गुनाहगार कौन है
किसी का चेहरा जब दिल चुरा ले
बताओ गुनाहगार कौन है


     मेरी यह  गीत आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

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