बुधवार, 4 जनवरी 2023

मुक्तक , करोड़ों की दुआएं

      नमस्कार , एक नया मुक्तक हुआ है समात फर्माएं मैं इसे बीना किसी भूमिका के पेश कर रहा हूं मुझे यकीन है आपके दिल तक पहुंचेगा |


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तेरे पास नफरत है बददुआएं हैं मुझे देने के लिए 

मेरे पास अनमोल वफाएं हैं तुझे देने के लिए 

ये दुनिया मुझे बहुत गरीब समझती है लेकिन 

मेरे मां के पास करोड़ों की दुआएं हैं मुझे देने के लिए 

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     मेरा ये मुक्तक आपको कैसा लगा मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |


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