मंगलवार, 6 नवंबर 2018

दिवाली कविता , एक दीप हम जलाएंअमर शहीद जवानों के नाम पर

   नमस्कार , आप को एवं आपके परिवार को प्रकाश के पावन पर्व दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ | दिवाली बस इस नाम से ही इस त्यौहार की विशालता एवं भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है | दिवाली का पर्व प्रकाश का पर्व होने के साथ साथ स्वच्छता एवं खुशीयों के घर आने का प्रतीक भी है |आज जब सारा देश अपने घरों में चिराग रोशन कर रहा होगा तो जरा उन घरों के बारे में भी सोचिए जिस घर ने अपना चिराग खोया है , जिस घर का बेटा हमारी सुरक्षा के लिए हमारे देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणो की आहूति दे दी | तो क्या हम देशवासीयो का यह कर्तव्य नही है के हम उन पूण्य बलिदानीयो को इस दिवाली या आगे आने वाली हर दिवाली पर एक दीया उनके नाम का जलाकर अपनी कृतज्ञता प्रदर्शित करें |

 एक दीप हम जलाएंअमर शहीद जवानों के नाम पर

   मेरे इसी नेक ख्याल को मैने एक कविता की शक्ल देने की कोशिश कि है | अगर आप को ये कविता पसंद आये और आप मेरे इस विचार से सहमत हैं तो कृपया एक दीया अमर शहीद वीर जवानों के नाम पर जरूर जलाये |

एक दीप हम जलाएं
अमर शहीद जवानों के नाम पर

जब रोशन होंगे
नगर-नगर , गांव-गांव , शहर-शहर , घर-घर
तब यह फर्ज है
हम सभी भारत वासियों का
कृतज्ञता दर्शाने का
अपनी दुआओं को प्रकाश रूप देखकर
उस घर की देहरी दरवाजों तक जरूर पहुंचाएं
जिस घर ने अपना चिराग खोया है
उस मां के आंचल को
सादर प्रणाम अर्पित करते हुए
उनके मुख मंडल की खामोशी को
मुस्कान में बदलते हुए
यह प्रकाश उस घर को रोशन कर दे
मेरी बिनती है मेरे भारत देश से
एक दीप हम जलाएं
अमर शहीद जवानों के नाम पर

    मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने विचार को बयां करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै तहेदिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

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