बुधवार, 24 जुलाई 2024

पुस्तक प्रकाशित, देह मन्दिर को बनाकर

नमस्कार, हर लेखक या कवि का यह सपना होता है कि एक दिन उसकी किताब प्रकाशित होगी और अब वह मेरा सपना सच हो गया है। 

मेरा पहला कविता संग्रह अब उपलब्ध है Amazon और Flipkart पर, लिंक निचे दिया गया है।

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मंगलवार, 23 जुलाई 2024

कविता, भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा |

नमस्कार, मेरी एक नयी कविता आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं |


भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा 


विविध रंगों से भरा है यह देश हमारा 

हिमालय से कन्याकुमारी तक फैला है उजियारा 

पूरब पश्चिम,उत्तर दक्षिण,सब है एक ही धारा

सम्पूर्ण भारत है प्राण हमारा 


भाषा,धर्म,रीति-रिवाज, भिन्न भिन्न हो सकते हैं

पर दिलों में प्रेम देश का सदा एक ही रखते हैं 

एक सूत्र में बंधे हैं हम भारत माता की संतानें 

भारत माता की शक्ति से खड़े हैं हम हर मुश्किल में सीना ताने 


नफ़रत और बंटवारे की कोशिशें होंगी नाकाम सदा 

एक भारत की भावना रहेगी सदैव ही अटल यहां 

आओ मिलकर हम सब इस महान देश का गुणगान करें 

भारतवर्ष की होगी जय-जयकार सदा सारे जग में ये ऐलान करें


कविता कैसी लगी मुझे कमेंट करके अवश्य बताएं, नमस्कार | 

मंगलवार, 16 जुलाई 2024

ग़ज़ल, अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे

आज फिर एक बार हाजिर हूं अपनी एक नई ग़ज़ल के साथ|


अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे 

अब ना और बर्बाद कर मुझे 


तू मशहूर है दुनिया बनाने के लिए 

तो फिर अब आबाद कर मुझे 


मैं ताराज हूं तेरे ख्यालों में 

आ फिर से नाराज़ कर मुझे 


आजकल दिल मेरा बहुत खुशमिजाज है 

तुझसे इल्तज़ा है नासाज कर मुझे 


मैं ने एकतरफा निभाई है रश्म मोहब्बत कि 

अब तनहा इस रिश्ते से आज़ाद कर मुझे


अगर ग़ज़ल आपको अच्छी लगे तो मुझे कमेंट करके अवश्य बताएं मुझे आपके कमेंट का इंतजार रहेगा|नमस्कार|

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