नमस्कार , आंग्ल नव वर्ष 2022 में हम प्रवेश कर चुके हैं इस नव वर्ष में यह मेरी प्रथम कविता है जिसे मैं आपको भेंट कर रहा हूं | मुझे भरोसा है कि मेरी यह कविता आपके मन को भाएगी |
अनादि का कब जन्मदिवस है
वो प्रथम क्षण जब झंकार हुई
स्वर फुटे लय बने राग हुए
कौन सा वो प्रथम क्षण था
ताल लगे आलाप लिए
अब तक ये प्रश्न विकट है
अनादि का कब जन्मदिवस है
माता कौन , पिता कौन
बन्धु कौन , संबंधी कौन
मित्र कौन , शत्रु कौन
शिष्य कौन , गुरु कौन
बंधन मुक्त भाव प्रकट है
अनादि का कब जन्मदिवस है
सूक्ष्म , विशाल जग के निमित्त
गुण , दोषों के निमित्त
सृजन , विनाश के निमित्त
काल , अकाल के निमित्त
वही निरस वही सरस है
अनादि का कब जन्मदिवस है
मेरी ये कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने विचार कमेन्ट करके जरूर बताइएगा | मै जल्द ही फिर आपके समक्ष वापस आउंगा तब तक साहित्यमठ पढ़ते रहिए अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखिए , नमस्कार |
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