बुधवार, 4 नवंबर 2020

ग़ज़ल , हद पार प्यार कराता है

      नमस्कार , आपको करवाचौथ की हार्दीक शुभकामनाएं | इस पर्व के शुभ अवसर पर मैने एक ग़ज़ल लिखी है जिसे आपके समक्ष हाजिर कर रहा हूँ कैसी रही मुझे जरुर बताइएगा

सब्र भी यार कराता है

हद पार प्यार कराता है


ये चांद मी तेरे जैसा है

बहोत इंतजार कराता है


भुख मुझे भी लगती है

व्रत पुरा प्यार कराता है


ये मेरी चलनी का चांद

प्यार का इजहार कराता है


सारी उमर मैं सिर्फ तेरा हूँ

तनहा ये इकरार कराता है

     मेरी ये ग़ज़ल अगर अपको पसंद आए है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस ग़ज़ल को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

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