शुक्रवार, 26 मई 2017

इश्क का एहसास भी क्या खूब है जाना

         इश्कप्यार , मोहब्बत , प्रेम , लव , प्रीत आदि ऐसे नजाने कितने नाम है इस एक एहसास के |सिर्फ इतने ही नहीं दुनिया भर की हजारों भाषाओं में और  जाने कितने 
नामों से बुलाया जाता होगा इसे | इसमें इस एहसास को महसूस करने वाले दो लोग (एक लड़का और एक लड़की) एक दूसरे के प्रति आकर्षण की अनुभूति करते हैं | कभी-कभी इस एहसास के जुनून की हद यह होती है कि इश्क के इस एहसास को महसूस करने वाले एक दूसरे के साथ जीने मरने के लिए भी तैयार होते हैं |

   
बड़े ताज्जुब की बात है कि वैसे तो दुनिया में हर चीज की कोई ना कोई परिभाषा है लेकिन प्यार के इस एहसास को अभी तक परिभाषित नहीं किया जा सका है | हमारे देश और दुनिया के अधिकांश समाजों में स्वीकार्य ना होने के बावजूद भी मोहब्बत करने वालों की तादात निरंतर बढ़ रही है |

इश्क का एहसास

      
इश्क के इसी एहसास को प्रदर्शित करती हुई मेरी एक गजल मैं आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं | मेरा यकीन है कि यह गजल आप लोगों के दिलों को जरूर छू जाएगी -

इश्क का एहसास भी क्या खूब है जाना

इश्क का एहसास भी क्या खूब है जाना
कभी हंसते हंसते रोना , कभी रोते रोते मुस्कुराना

प्यार करना , मगर जबरन हक मत जताना
उनका प्यार फूल है , फूलों को जरा आहिस्ता सहलाना

वह अगर तुमसे रूठ जाए , यह हक है उनका
तो तुम उन्हें मनाना , तुम भी उनसे मत रुठ जाना

इश्क का एहसास

किसी की मीठी बातों का इतना ऐतबार भी मत करना
हवाओं की फितरत होती है वादियों से दिल लगाना

तुम आजाद हो अपनी राहे चुनने के लिए मेरी जाना
बस एक एहसान करना , अपनी यादें मेरे जीने के लिए छोड़ जाना


        मेरी यह गजल आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

मंगलवार, 23 मई 2017

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस ,उपवन की सैर करने चलो

      प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है | संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस वर्ष की थीम जैव 'विविधता तथा संवहनीय पर्यटननिर्धारित की गई है | जैवविवीधतापरिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखते हुए संवहनीय पर्यटन की मूलभूत व्यवस्थाओं के निर्माण एवं विकास पर बल देती है | इसलिए जैव विविधता का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है |

 उपवन

    मध्य प्रदेश देश का हृदय प्रदेश होने के साथ-साथ प्रकृति एवं वन्य जीव पर आधारित पर्यटन हेतु भी प्रसिद्ध है | हमारा प्रदेश प्रकृति से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सदैव अग्रणी रहा है | अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर हम सभी को एक साथ मिलकर प्रदेश एवम देश की  जैव विविधता का संरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए | हमारे प्रदेश एवम देश की जैव विविधता को बढ़ावा देना चाहिए , ताकि इस क्षेत्र से जुड़े  समुदायों की आजीविका निरंतर सुनिश्चित रहे |

  
जैव विविधता तथा संवहनीय पर्यटन को दृष्टिगत रखते हुए मैंने एक कविता कहने का प्रयत्न किया है | मेरी कामना है यह कविता आप सभी को प्रफुल्लित करें -

 
उपवन की सैर करने चलो

 
सहर की ठंडी ठंडी सर्द हवा
 
रोम रोम सिहर उठा
 
पत्तों पर ठहरी हुई ओस की बूंदें
 
फूलों की खुशबू अपनी ओर खींचे
 
दो पल प्रकृति की गोद में ठहरने चलो
 
उपवन की सैर करने चलें

 उपवन

 पेड़ों पर्वतों के बीच से वह सूरज का निकलना
 
पहाड़ की ऊंची चोटी से वह गिरता हुआ झरना
 
डालियों पर वह परिंदों का चहचहाना
 
दोपहर में नदी किनारे पशुओं का पानी पीने आना
 
ऐसे अद्भुत नजारों के एहसास से गुजरने चलो
 
उपवन की सैर करने चलें

 
वातावरण की हरियाली फूलों की मुस्कान देखो
 
छोटे-छोटे घोंसले और पंछियों की उड़ान देखो
 
भोजन के लिए जीवो का आपस में संघर्ष देखो
 
कली से फूल , फूल से फल मे बदलना देखो
 
अपने जीने का नजरिया बदलने चलो
 
उपवन की सैर करने चलें

   
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

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