नमस्कार , पिछले एक महीने में मैने कुछ मुक्तक लिखें हैं जिन्हें मैं आपके साथ साझा कर रहा हुं
ये आधा गिलास अॉशु है जिसे शराब कहती है ये दुनियां
हम लोग हि तो सच कहते है हम्हीं को खराब कहती है ये दुनियां
सब कहते हैं जहा पड़ता है सब जलाकर राख कर देता है
यानि के मोहब्बत को तेजाब कहती है ये दुनियां
सपनों कि हिफाजत नही करता मै
यानि कि मोहब्बत में सियासत नही करता मै
मै जानता हुं तेरे विचार मु्क्तलिफ हैं मुझसे
मगर तेरी खिलाफत नही करता मै
पार्टी मालिक के दरबार में हमाली मत करो इमरान
झुठ बोलकर दुआओ से हाथ खाली मत करो इमरान
तुम्हारी हकिकत क्या है जान ही गया है पुरा भारत
बस यही मसवरा है इमान कि दलाली मत करो इमरान
जवानी पर लगी कालिख बन के रह जाओगे
मासुका नही मिली तो नाबालिग बन के रह जाओगे
ऐ खुदा तुझे मालिक कहती है ये दुनियां
इसी गुमा में रहे तो मालिक बन के रह जाओगे
दिल कि दूरीयें में तरक्की चाहता हुं मैं
दुश्मनी भी पक्की चाहता हुं मैं
थोडा़ और थोडा़ और नफरत कर मुझसे
बेवफाई मी सच्ची चाहता हुं मैं
मेरे ये मुक्तक अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इन मुक्तक को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
शनिवार, 23 मई 2020
शनिवार, 2 मई 2020
पहला प्यार
पहला प्यार
निरंतर कोशिशों के पश्चात भी
नहीं दे सके प्यार पहले प्यार की परिभाषा...
श्यामल सांझ के पन्नों में
शांत मन से लिखे कुछ शब्द
पहले पहले प्यार के अहसास से
पर यह क्या?????
शब्दों के साथ पन्ने भी कम पड़ गए...
कभी कभी लगता है
हम कितने अभागे हैं
पहले प्यार के विलक्षण एहसास को
समझ नहीं पाते हैं....
फिर लगता है
कितने भाग्यशाली हैं
समूची कायनात से
जिंदगी के हर पड़ाव पर
प्यार का एहसास होता है....
शिशु के रुदन के के साथ
एक मां के पहले प्यार का एहसास...
मेरे पहले प्यार का नाम
मेरे सर्वस्व की पहचान
जिसने जगत में लाकर
दिया मुझे मान....
पिता की उंगली पकड़ जब चलना सीखा
वह भी प्यार का एहसास था...
भाई की कलाई में मेरी पहली राखी
पहले प्यार के रूप में मेरे पास था.…
हर जगह पर रहते हैं पहले प्यार के पहरे
चेहरे के अंदर दिखते हैं मुझे चेहरे...
पहले प्यार का शायद अंत नहीं होता
निकल आती है कोई ना कोई गुंजाइश
किसी का प्यार कभी आखरी नहीं होता...
दीपमाला पांडेय
निरंतर कोशिशों के पश्चात भी
नहीं दे सके प्यार पहले प्यार की परिभाषा...
श्यामल सांझ के पन्नों में
शांत मन से लिखे कुछ शब्द
पहले पहले प्यार के अहसास से
पर यह क्या?????
शब्दों के साथ पन्ने भी कम पड़ गए...
कभी कभी लगता है
हम कितने अभागे हैं
पहले प्यार के विलक्षण एहसास को
समझ नहीं पाते हैं....
फिर लगता है
कितने भाग्यशाली हैं
समूची कायनात से
जिंदगी के हर पड़ाव पर
प्यार का एहसास होता है....
शिशु के रुदन के के साथ
एक मां के पहले प्यार का एहसास...
मेरे पहले प्यार का नाम
मेरे सर्वस्व की पहचान
जिसने जगत में लाकर
दिया मुझे मान....
पिता की उंगली पकड़ जब चलना सीखा
वह भी प्यार का एहसास था...
भाई की कलाई में मेरी पहली राखी
पहले प्यार के रूप में मेरे पास था.…
हर जगह पर रहते हैं पहले प्यार के पहरे
चेहरे के अंदर दिखते हैं मुझे चेहरे...
पहले प्यार का शायद अंत नहीं होता
निकल आती है कोई ना कोई गुंजाइश
किसी का प्यार कभी आखरी नहीं होता...
दीपमाला पांडेय
12 जून 2019 को 9:56 pm
हरियाणवी कविता . एक छोरी बोले ताउ से
नमस्कार , मै ने करीब एक वर्ष पहले एक हरियाणवी कविता लिखने का प्रथम प्रयास किया था , उस वक्त संकोच बस मैने इस कविता को आपसे साझा नही किया था पर आज आपके साथ साझा कर रहा हुं | मेरा यह प्रथम प्रयास कैसा रहा मुझे अपने विचारों से जरुर अवगत कराईएगा , आपके विचार मुझे और भी हरियाणवी कविताएं लिखने के लिए प्रेरणा स्वरुप होंगे |
एक छोरी बोले ताउ से
एक दिन
एक छोरी बोले अपने ताउ से
ताउ मने यो बता दे
मने पराया काहे कहबे से ?
मने बोझ काहे कहबे से ?
मै के तने बोझ लागुशु
सबेरे तारे से पहले जागु हूं
बाबडी़ से पानी लाउ हूं
आगन में झाडु लगाउ हूं
रोटी बनाउ हूं
बैलो ने चार खिलाउ हूं
तब फेर स्कुल जाउ हूं
छोरी के सबाल सुन
इधर-उधर देखन लागा
कुछ ना बोल पाया ताउ
मुंह छपाके भागन लागा
मेरी ये हरियाणवी कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस हरियाणवी कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
एक छोरी बोले ताउ से
एक दिन
एक छोरी बोले अपने ताउ से
ताउ मने यो बता दे
मने पराया काहे कहबे से ?
मने बोझ काहे कहबे से ?
मै के तने बोझ लागुशु
सबेरे तारे से पहले जागु हूं
बाबडी़ से पानी लाउ हूं
आगन में झाडु लगाउ हूं
रोटी बनाउ हूं
बैलो ने चार खिलाउ हूं
तब फेर स्कुल जाउ हूं
छोरी के सबाल सुन
इधर-उधर देखन लागा
कुछ ना बोल पाया ताउ
मुंह छपाके भागन लागा
मेरी ये हरियाणवी कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस हरियाणवी कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
रविवार, 29 मार्च 2020
कविता , करोना से हमको युद्ध लड़ना है
नमस्कार , करोना वायरस कविड 19 चीन के वुहान प्रांत से फैला एक जानलेवा वायरस है जिससे अब तक दुनिया में 29 हजार के करीब मौतें हो चुकी हैं और 6 लाख से ज्यादा लोग इस बिमारी के चपेट में आ चुके हैं | चीन से फैला यह खतरनाक वायरस अब तक दुनियां भर के 203 से ज्यादा देशों में फैल चुका है |
हमारे देश भारत में भी यह वायरस बहोत तेजी से फैल रहा है देश में अब तक कुल 1024 पॉजिटीव मरीज मिले हैं तथा इस वायरस से मरने वालों कि संख्या बढकर 27 हो गई है | इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पुरे देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है जो कि करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ भारत कि लडा़ई का निर्णायक कदम साबित होकता है |
करोना वायरस कोविड 19 से स्वयं का बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है मैं यहा जोर देकर यह बताना चाहुंगा के अब तक इस भयावह बिमारी का कोई इलाज नही ढुढा़ जा सका है | करोना वायरस कोविड 19 से बचाव के लिए आप डाक्टरों के द्वारा बताई जा रही कुछ आधारभुत सावधानियॉ जरुर रखें
1.किसी से मिलें तो हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें
2.बीना किसी ठोस वजय के घर से बाहर ना जाएं घर पर रहें यदि आवश्यकता बस बाहर जाना पड़ जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं
3.अपने हाथों को बार बार चेहरें एवं आंखों पर ना लगाएं तथा अपनें हाथों को लगातार 20 सेकेंड तक साबुन से धोते रहें या सेनेटाइजर से सेनेटाइज करतें रहें
4.किसी अपरिचित व्यक्ति से 2 मिटर की दुरी बनाकर बात करें
5.सबसे महत्वपुर्ण सावधानी यह है कि बाहर ना जाएं घर पर ही रहें
करोना वायरस कोविड 19 से संक्रमण का पता दो से 14 दिन में चलता है डॉक्टरों का कहना है कि इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं
1.सर्दी , सुखी खांसी , तेज बुखार आना
2.गले में तेज दर्द होना , सांस लेने में परेशानी होना
3.थकावट महसुस होना आदी
यदि आपको इस तरह के लक्षण महसुस हो तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं और अपना चेकअप करवाएं | आप चाहें तो केन्द्र या राज्य सरकारों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई हेल्पलाइन पर भी सम्पर्क कर सकते हैं |
करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ हमारी लडा़ई के केन्द्र में रखकर मैंने एक कविता लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं |
करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है
बिना काम के बाहर न जाएं
जाएं भी तो मास्क लगाएं
बार बार सेनेटाइजर से साफ करें हाथों को
बार बार चेहरे पर हाथ बिल्कुल ना लगाएं
केवल सतर्कता ही एकमात्र उपचार है
हाथ जोड़कर मेरा सभी से
केवल इतना कहना है
करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है
ये सभी सावधानियां अनिवार्य हैं
यही हमारा आधार हैं
इस खतरनाक बिमारी के खिलाफ
युद्ध लड़ने के लिए
अब भारत देश मेरा तैयार है
जन जागरुक्ता हि तो हथियार है
हमें इस अभियान में केवल इतना करना है
दृढ़ निश्चय करके विजयी हमको बनना है
करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है
मेरी ये कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
हमारे देश भारत में भी यह वायरस बहोत तेजी से फैल रहा है देश में अब तक कुल 1024 पॉजिटीव मरीज मिले हैं तथा इस वायरस से मरने वालों कि संख्या बढकर 27 हो गई है | इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पुरे देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है जो कि करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ भारत कि लडा़ई का निर्णायक कदम साबित होकता है |
करोना वायरस कोविड 19 से स्वयं का बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है मैं यहा जोर देकर यह बताना चाहुंगा के अब तक इस भयावह बिमारी का कोई इलाज नही ढुढा़ जा सका है | करोना वायरस कोविड 19 से बचाव के लिए आप डाक्टरों के द्वारा बताई जा रही कुछ आधारभुत सावधानियॉ जरुर रखें
1.किसी से मिलें तो हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें
2.बीना किसी ठोस वजय के घर से बाहर ना जाएं घर पर रहें यदि आवश्यकता बस बाहर जाना पड़ जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं
3.अपने हाथों को बार बार चेहरें एवं आंखों पर ना लगाएं तथा अपनें हाथों को लगातार 20 सेकेंड तक साबुन से धोते रहें या सेनेटाइजर से सेनेटाइज करतें रहें
4.किसी अपरिचित व्यक्ति से 2 मिटर की दुरी बनाकर बात करें
5.सबसे महत्वपुर्ण सावधानी यह है कि बाहर ना जाएं घर पर ही रहें
करोना वायरस कोविड 19 से संक्रमण का पता दो से 14 दिन में चलता है डॉक्टरों का कहना है कि इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं
1.सर्दी , सुखी खांसी , तेज बुखार आना
2.गले में तेज दर्द होना , सांस लेने में परेशानी होना
3.थकावट महसुस होना आदी
यदि आपको इस तरह के लक्षण महसुस हो तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं और अपना चेकअप करवाएं | आप चाहें तो केन्द्र या राज्य सरकारों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई हेल्पलाइन पर भी सम्पर्क कर सकते हैं |
करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ हमारी लडा़ई के केन्द्र में रखकर मैंने एक कविता लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं |
करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है
बिना काम के बाहर न जाएं
जाएं भी तो मास्क लगाएं
बार बार सेनेटाइजर से साफ करें हाथों को
बार बार चेहरे पर हाथ बिल्कुल ना लगाएं
केवल सतर्कता ही एकमात्र उपचार है
हाथ जोड़कर मेरा सभी से
केवल इतना कहना है
करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है
ये सभी सावधानियां अनिवार्य हैं
यही हमारा आधार हैं
इस खतरनाक बिमारी के खिलाफ
युद्ध लड़ने के लिए
अब भारत देश मेरा तैयार है
जन जागरुक्ता हि तो हथियार है
हमें इस अभियान में केवल इतना करना है
दृढ़ निश्चय करके विजयी हमको बनना है
करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है
मेरी ये कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |
इस कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
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