शनिवार, 2 मई 2020

पहला प्यार

पहला प्यार

निरंतर कोशिशों के पश्चात भी
नहीं दे सके प्यार पहले प्यार की परिभाषा...
श्यामल सांझ के पन्नों में
शांत मन से लिखे कुछ शब्द
पहले पहले प्यार के अहसास से
पर यह क्या?????
शब्दों के साथ पन्ने भी कम पड़ गए...
कभी कभी लगता है
हम कितने अभागे हैं
पहले प्यार के विलक्षण एहसास को
समझ नहीं पाते हैं....
फिर लगता है
कितने भाग्यशाली हैं
समूची कायनात से
जिंदगी के हर पड़ाव पर
प्यार का एहसास होता है....
शिशु के रुदन के के साथ
एक मां के पहले प्यार का एहसास...
मेरे पहले प्यार का नाम
मेरे सर्वस्व की पहचान
जिसने जगत में लाकर
दिया मुझे मान....
पिता की उंगली पकड़ जब चलना सीखा
वह भी प्यार का एहसास था...
भाई की कलाई में मेरी पहली राखी
पहले प्यार के रूप में मेरे पास था.…
हर जगह पर रहते हैं पहले प्यार के पहरे
चेहरे के अंदर दिखते हैं मुझे चेहरे...
पहले प्यार का शायद अंत नहीं होता
निकल आती है कोई ना कोई गुंजाइश
किसी का प्यार कभी आखरी नहीं होता...

दीपमाला पांडेय
12 जून 2019 को 9:56 pm

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