मंगलवार, 23 मई 2017

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस ,उपवन की सैर करने चलो

      प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है | संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस वर्ष की थीम जैव 'विविधता तथा संवहनीय पर्यटननिर्धारित की गई है | जैवविवीधतापरिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखते हुए संवहनीय पर्यटन की मूलभूत व्यवस्थाओं के निर्माण एवं विकास पर बल देती है | इसलिए जैव विविधता का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है |

 उपवन

    मध्य प्रदेश देश का हृदय प्रदेश होने के साथ-साथ प्रकृति एवं वन्य जीव पर आधारित पर्यटन हेतु भी प्रसिद्ध है | हमारा प्रदेश प्रकृति से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सदैव अग्रणी रहा है | अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर हम सभी को एक साथ मिलकर प्रदेश एवम देश की  जैव विविधता का संरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए | हमारे प्रदेश एवम देश की जैव विविधता को बढ़ावा देना चाहिए , ताकि इस क्षेत्र से जुड़े  समुदायों की आजीविका निरंतर सुनिश्चित रहे |

  
जैव विविधता तथा संवहनीय पर्यटन को दृष्टिगत रखते हुए मैंने एक कविता कहने का प्रयत्न किया है | मेरी कामना है यह कविता आप सभी को प्रफुल्लित करें -

 
उपवन की सैर करने चलो

 
सहर की ठंडी ठंडी सर्द हवा
 
रोम रोम सिहर उठा
 
पत्तों पर ठहरी हुई ओस की बूंदें
 
फूलों की खुशबू अपनी ओर खींचे
 
दो पल प्रकृति की गोद में ठहरने चलो
 
उपवन की सैर करने चलें

 उपवन

 पेड़ों पर्वतों के बीच से वह सूरज का निकलना
 
पहाड़ की ऊंची चोटी से वह गिरता हुआ झरना
 
डालियों पर वह परिंदों का चहचहाना
 
दोपहर में नदी किनारे पशुओं का पानी पीने आना
 
ऐसे अद्भुत नजारों के एहसास से गुजरने चलो
 
उपवन की सैर करने चलें

 
वातावरण की हरियाली फूलों की मुस्कान देखो
 
छोटे-छोटे घोंसले और पंछियों की उड़ान देखो
 
भोजन के लिए जीवो का आपस में संघर्ष देखो
 
कली से फूल , फूल से फल मे बदलना देखो
 
अपने जीने का नजरिया बदलने चलो
 
उपवन की सैर करने चलें

   
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा, कृपया ब्लागस्पाट के कमेंट बॉक्स में सार्वजनिक कमेंट ऐड करिएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

रविवार, 21 मई 2017

किसानों का सम्मान हो

    तीन तरफ से समुद्र से घिरा भारत देश मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है | यहां की आबादी का  एक बहुत बड़ा हिस्सा अपनी आय कृषि से प्राप्त करता है | हिंदुस्तान की कृषि अधिकांश रुप से वर्षा पर आश्रित है | मौसम का परिवर्तनशील होना कृषि को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित  करता रहता है |

किसान

     
वैसे तो हमारे देश की केंद्र एवं सभी राज्यों की सरकारें किसानों के भले के लिए कई योजनाएं चला रही हैं लेकिन इसका फायदा बहुत आंशिक रूप से ही किसानों को मिल पाता है | किसानों को पूर्ण रुप से योजनाओं का फायदा मिल पाने की वजह भ्रष्टाचार तथा जागरूकता का अभाव भी मुख्य रूप से असर करता है  | किसानों के उद्धार के लिए शुरू होने वाली कुछ योजनाएं तो केवल कागजी पन्नों पर ही संचालित होती रहती हैं तथा इनका लाभ भ्रष्टाचारियों को बखूबी मिलता रहता है | भ्रष्टाचार तथा दोषपूर्ण व्यवस्था का दुष्परिणाम ही अक्सर किसानों के आत्महत्या की वजह बनता है | इससे हमारा राज्य मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है |

किसान

      अन्नदाता के विकास एवं उज्जवल भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि केंद्र सरकार एवं राज्य की सभी सरकारें कागजी स्तर पर नहीं जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से काम करें तथा हर प्रकार से यह सुनिश्चित करे की केंद्र एवं राज्य की सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सभी योजनाओं का फायदा शत प्रतिशत केवल एवं केवल किसानों को ही मिले |

       
किसानों के अधिकारों एवं उनके कल्याण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मैंने एक छोटी सी कविता लिखने की चेष्टा की है उम्मीद करता हूं कि मेरी यह कविता आपके दिलों को छू जाएगी -

 
किसानों का सम्मान हो
.
 
पथरीली बंजर जमीन को
 
जिसने हरे-भरे खेतों में ढाला है
 
अपना ही नहीं पूरे भारत का
 
पेट जिन कृषकों ने पाला है
 
अब जरूरत है उनका भी गुणगान हो
 
किसानों का सम्मान हो

किसान

 जो मिट्टी को चीरकर
 
उससे अनाज उपजाते हैं
 
जो हमारे भारत देश की मिट्टी को
 
हीरे मोती उगलने वाली बताते हैं
 
उन कृषि करने वालों का कल्याण हो
 
किसानों का सम्मान हो

 
सिंचता है वह कृषक
 
खेतों को अपने मेहनत के पसीने से
 
शपथ लें  हम बनाएं ऐसा वातावरण
 
कि कोई कृषक तंग ना आए जीने से
 
अन्नदाता भी अब इस देश का अभिमान हो
 
किसानों का सम्मान हो

      
मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |

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