मंगलवार, 23 जनवरी 2018

मां पद्मावती की ओर से

   मैं अपने सभी देशवासियों एवं भारत सरकार से एक बात पूछना चाहता हूं की यदि भारत की सभी नारियों के सम्मान की रक्षा करना अगर हम सभी देशवासियों एवं भारत सरकार का कर्तव्य है तो क्या भारत की वीरांगनाओं जिन्हें इतिहास में एक गौरवशाली स्थान प्राप्त है उनके सम्मान की रक्षा करना भारत सरकार एवं  भारत के लोगों का कर्तव्य नहीं है , अगर कर्तव्य है तो फिर क्यों मां पद्मावती के सम्मान को इस तरह नीलाम किया जा रहा है |

मां पद्म

. आप मेरे इस विचार से सहमत हो या ना हो  मगर फिर भी मेरा एक विनम्र निवेदन है कि कृपया एक बार मेरी इस कविता ' मां पद्मावती की ओर से ' को जरूर पढ़ें -

13/01/2018

मां पद्मावती की ओर से

जरा सोचो तो भारत के लोगों
कैसे मुंह दीखाओ गे
जिस मेवाड के गौरव को
तुम ने मां पद्मावती माना है
उस मां का परिहास चलचित्र पटल पर
क्या तुम सहन कर पाओगे

कब तक सांत रहेगी जौहर की ज्वाला
क्या अब तुम्हारे रगो में खून नही बचा है खौलने वाला
मां को अम्मा कह देने से क्या मां की महानता ख़त्म हो जाती है
क्या चोरो को लुटेरा कह देने से चोरी की गलती कम हो जाती है
अगर तुम ने सिनेमाघरो मे जाकर इस चलचित्र का प्रसारण देखा तो
सिर तो रहेगा मगर सिर उठाकर चल नही पाओगे
भारतीयो की मातृभक्ती को सदा के लिए कलंकीत कर आओगे

    मेरी यह कविता आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स के जरिए जरूर बताइएगा | अगर अपने  विचार को बयां  करते वक्त मुझसे शब्दों में कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मैं तहे दिल से माफी चाहूंगा | मैं जल्द ही वापस आऊंगा एक नए विचार के साथ | तब तक अपना ख्याल रखें, अपनों का ख्याल रखें ,नमस्कार |.

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