सोमवार, 6 जनवरी 2020

हास्य व्यंग कविता . बोलो प्याज कि जय

     नमस्कार , मैने एक नयी हास्य व्यंग कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं मुझे आशा है कि आपको मेरी ये कविता पसंद आएगी और आप कविता के मुल भाव तक पहुंच पाएंगे

बोलो प्याज कि जय

मंहगे हो गए प्याज
सब्जी होगयी बेस्वाद
कैसे खाए सलाद
बोलो प्याज कि जय

पडी है महगाई कि लात
मत करो पकौडो कि तुम बात
सरकार नींद से जागी आज
बोलो प्याज कि जय

प्याज के बढ गए हैं नखरे
सरकार बता रही है प्याज खाने के खतरे
प्याज के शौखिनों के चेहरे फिर से उतरे
बोलो प्याज कि जय

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कविता . नरसंहार . रहने दो

      नमस्कार , मैने दो नयी कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं मुझे आशा है कि आपको मेरी ये कविताए पसंद आएगी और आप कविता के मुल भाव तक पहुंच पाएंगे

नरसंहार

एक विचारधारा के लोगों ने
एक विधारधारा के लोगों को
एक विचारधाला के उकसावे में
आकर भीषण नरसंहार किया
कानुन व्यवस्था को तार तार किया
सामाजिक मुल्यों का संहार किया
एकता कि भावना का विनाश किया
अब तक इस अन्याय का
न्याय क्यो नही हुआ


रहने दो

क्या कहुं कि गम है
क्या कहुं कि अॉख नम है
क्या कहुं कि वो बेरहम है
क्या कहुं कि उदासी है
क्या कहुं कि उवासी है
क्या कहुं कि अॉखे प्यासी है
क्या कहुं , रहने दो

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गजल . प्यार का रोग हो भी सकता है लगाया भी जा सकता है

      नमस्कार , हाल हि में मेरी लिखी एक नयी गजल यू है के

प्यार का रोग हो भी सकता है लगाया भी जा सकता है
जीने का ये तरिका आजमाया भी जा सकता है अपनाया भी जा सकता है

दिवानो को कहदो जरा होशियार रहे
उन्हे बहलाया फुसलाया भी जा सकता है उकसाया भी जा सकता है

मै मंदिर कि चौखट पर रखा हुआ दीया
मुझसे घर में रोशनी भी कि जा सकती है घर जलाया भी जा सकता है

हो ये भी सकता है कि मजनु जिम्मेदार ना हो लैला कि मौत का
गलतबयानी भी कि जा सकती है उसे फसाया भी जा सकता है

गुनाह करके सबुत मिटाने का कोई एक ही तरिका थोडी है
फरियादी को डराया धमकाया भी जा सकता है जिंदा जलाया भी जा सकता है

दिल कि बात दिल में रखकर कोई फायदा नही
तनहा दिल के कुछ एहसासों को बताया भी जा सकता है दिखाया भी जा सकता है

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कविता . काम कि भावना

      नमस्कार , मैने एक नयी कविता लिखी है जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं मुझे आशा है कि आपको मेरी ये कविता पसंद आएगी और आप कविता के मुल भाव तक पहुंच पाएंगे

काम कि भावना

प्रकृति में सृजन कि भावना
नए जीव जनतु प्राणी जानवर फूल फल
हर बिज में अंकुरण कि भावना
दो जीवो से नए जिवन कि भावना
शुखद संयोग मिलन कि भावना
महत्वपुर्ण अखण्ड सत्य काम कि भावना
हर एक आत्मा के तन मन कि भावना
इस भावना से इतना संकोच क्यो ?
इस पवित्र भावना पर संदेह क्यो ?
सत्य है भाव यह ज्यो सत्य है परमात्मा
परमात्मा का आत्मा से विभेद क्यो ?
निवेदन है , क्रीड़ा है , आनंद है प्रेम कि भावना
प्रतीक्षा स्वेच्छा प्रसन्नता है काम कि भावना

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