शनिवार, 2 मई 2020

हरियाणवी कविता . एक छोरी बोले ताउ से

      नमस्कार , मै ने करीब एक वर्ष पहले एक हरियाणवी कविता लिखने का प्रथम प्रयास किया था , उस वक्त संकोच बस मैने इस कविता को आपसे साझा नही किया था पर आज आपके साथ साझा कर रहा हुं | मेरा यह प्रथम प्रयास कैसा रहा मुझे अपने विचारों से जरुर अवगत कराईएगा , आपके विचार मुझे और भी हरियाणवी कविताएं लिखने के लिए प्रेरणा स्वरुप होंगे |

एक छोरी बोले ताउ से

एक दिन
एक छोरी बोले अपने ताउ से
ताउ मने यो बता दे
मने पराया काहे कहबे से ?
मने बोझ काहे कहबे से ?
मै के तने बोझ लागुशु

सबेरे तारे से पहले जागु हूं
बाबडी़ से पानी लाउ हूं
आगन में झाडु लगाउ हूं
रोटी बनाउ हूं
बैलो ने चार खिलाउ हूं
तब फेर स्कुल जाउ हूं

छोरी के सबाल सुन
इधर-उधर देखन लागा
कुछ ना बोल पाया ताउ
मुंह छपाके भागन लागा

     मेरी ये हरियाणवी कविता अगर अपको पसंद आई है तो आप मेरे ब्लॉग को फॉलो करें और अब आप अपनी राय बीना अपना जीमेल या जीप्लप अकाउंट उपयोग किए भी बेनामी के रूप में कमेंट्र कर सकते हैं | आप मेरे ब्लॉग को ईमेल के द्वारा भी फॉलो कर सकते हैं |

      इस हरियाणवी कविता को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |
 

रविवार, 29 मार्च 2020

कविता , करोना से हमको युद्ध लड़ना है

     नमस्कार , करोना वायरस कविड 19 चीन के वुहान प्रांत से फैला एक जानलेवा वायरस है जिससे अब तक दुनिया में 29 हजार के करीब मौतें हो चुकी हैं और 6 लाख से ज्यादा लोग इस बिमारी के चपेट में आ चुके हैं | चीन से फैला यह खतरनाक वायरस अब तक दुनियां भर के 203 से ज्यादा देशों में फैल चुका है |

     हमारे देश भारत में भी यह वायरस बहोत तेजी से फैल रहा है देश में अब तक कुल 1024 पॉजिटीव मरीज मिले हैं तथा इस वायरस से मरने वालों कि संख्या बढकर 27 हो गई है | इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पुरे देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है जो कि करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ भारत कि लडा़ई का निर्णायक कदम साबित होकता है |

     करोना वायरस कोविड 19 से स्वयं का बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है मैं यहा जोर देकर यह बताना चाहुंगा के अब तक इस भयावह बिमारी का कोई इलाज नही ढुढा़ जा सका है | करोना वायरस कोविड 19 से बचाव के लिए आप डाक्टरों के द्वारा बताई जा रही कुछ आधारभुत सावधानियॉ जरुर रखें

1.किसी से मिलें तो हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें
2.बीना किसी ठोस वजय के घर से बाहर ना जाएं घर पर रहें यदि आवश्यकता बस बाहर जाना पड़ जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं
3.अपने हाथों को बार बार चेहरें एवं आंखों पर ना लगाएं तथा अपनें हाथों को लगातार 20 सेकेंड तक साबुन से धोते रहें या सेनेटाइजर से सेनेटाइज करतें रहें
4.किसी अपरिचित व्यक्ति से 2 मिटर की दुरी बनाकर बात करें
5.सबसे महत्वपुर्ण सावधानी यह है कि बाहर ना जाएं घर पर ही रहें

    करोना वायरस कोविड 19 से संक्रमण का पता दो से 14 दिन में चलता है डॉक्टरों का कहना है कि इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं

1.सर्दी , सुखी खांसी , तेज बुखार आना
2.गले में तेज दर्द होना , सांस लेने में परेशानी होना
3.थकावट महसुस होना आदी

     यदि आपको इस तरह के लक्षण महसुस हो तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं और अपना चेकअप करवाएं | आप चाहें तो केन्द्र या राज्य सरकारों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई हेल्पलाइन पर भी सम्पर्क कर सकते हैं |

     करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ हमारी लडा़ई के केन्द्र में रखकर मैंने एक कविता लिखी है जिसे मैं आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं |

करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है

बिना काम के बाहर न जाएं
जाएं भी तो मास्क लगाएं
बार बार सेनेटाइजर से साफ करें हाथों को
बार बार चेहरे पर हाथ बिल्कुल ना लगाएं
केवल सतर्कता ही एकमात्र उपचार है
हाथ जोड़कर मेरा सभी से
केवल इतना कहना है

करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है

ये सभी सावधानियां अनिवार्य हैं
यही हमारा आधार हैं
इस खतरनाक बिमारी के खिलाफ
युद्ध लड़ने के लिए
अब भारत देश मेरा तैयार है
जन जागरुक्ता हि तो हथियार है
हमें इस अभियान में केवल इतना करना है
दृढ़ निश्चय करके विजयी हमको बनना है

करोना से हमको युद्ध लड़ना है
तो घर में हि रहना है

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गजल , आओ खुशियों कि मुहं दिखाई करते हैं

      नमस्कार , मैने कुछ दिनों पहले एक गजल लिखी थी जिसे आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हुं मुझे यकिन हे कि आपको ये अच्छी लगेगी

आओ खुशियों कि मुहं दिखाई करते हैं
गमों कि घर से बिदाई करते हैं

छुप छुप के इससे उससे क्या करना
आओ ना खुल के बेवफाई करते हैं

ये जुवानी जंग का क्या मतलब
मैदान में आओ हाथापाई करते हैं

गम नही चेहरे पर मुस्कान बेचना शुरु करो
किसी के जख्मों कि तुरपाई करते हैं

और तनहा गम जख्म मरहम खुशियां
अरे अब तो मोहब्बत कि जगहंसाई करते हैं

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कविता , क्योकि इनको शिर्फ तुम जानते हो

     नमस्कार , 8 मार्च विश्व महिला दिवस पर मैने एक कविता अपने सोसल मिडिया एकाउंट्स पर पोस्ट कि थी जिसे आप लोगों ने बहोत सराहा था अब इसे मैं यहां लिखने कि हिम्मत कर रहा हुं मुझे उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगी

क्योकि इनको शिर्फ तुम जानते हो

महिलाएं औरतें नारी स्त्री जनानीयां
जिस भी संबोधन से जानते हो इनको
सम्मान करो इनका
हो सके तो गुणगान करो इनका
बेटी बहू मां बहन
कि गाली मत दो
इनको इज्जत दो
शुक्रिया कहो मां को
तुम्हे बेटा कहने के लिए
शुक्रिया कहो बहन को
तुम्हे भाई कहने के लिए
शुक्रिया कहो बेटी को
तुम्हे पापा कहने के लिए
शुक्रिया कहो दादी नानी को
उनकी कहानीयों के लिए
शुक्रिया कहो चाचीयों मामीयों
और बुआओं मौसीयों को
उनसे कि हुई शैतानियों के लिए
शुक्रिया कहो सालियों भाभीयों को
उनसे कि हुई मनमानियों के लिए
सैकडो़ रिश्ते बनाए हैं इनसे
सैकडो़ रुप समाए हैं इनमें
इन्ही में दुर्गा सरस्वती हैं
और परीयां अप्सराए हैं इनमें
कह सको तो एक शुक्रिया कहो
अपनी धर्मपत्नी को
जिसने जीवनभर के लिए
अपना बनाया है तपमको
पिता कहलाने का शुख देकर
इतना जिम्मेदार बनाया है तुमको
आज एक शुक्रिया कहो इनको
तुम्हारे जीवन में इनके महत्व को
क्योकि इनको शिर्फ तुम जानते हो

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