नमस्कार , कहा जाता है के दुनिया में प्यार से खुबसुरत और कोई चीज नही है | और प्यार ही एक ऐसा चीज है जिसे जितना लुटाया जाये उतना ही बढता है | ऐसे में जब कहीं प्यार का ज़िक्र हो तो धडकनें क्यों न मचलनें लगे | और प्यार भरे हर दिल को आवाज दी है हिंदी सिनेमा के फिल्मी गानों ने |
ये एक मेरा लिखा गाना जो मुझे बेहद पसंद है आज मैं इसे आप के साथ साझा कर रहा हूं | ये गाना मैं ने करीबन दो साल पहले लिखा है |
सादे पानी सा तेरा रंग है
जिसमें झलकता तेरा अंग है
भूलना चाहूं इस्सर बातों में
बनके कोई रंग मैं
जिसमें झलकता तेरा अंग है
भूलना चाहूं इस्सर बातों में
बनके कोई रंग मैं
तेरी अदाएं हैं परिंदो जैसी
मासूम है ये दिल मेरा
जी करता है मेरा भी
चहकूं तेरे संग मैं
सादे पानी सा .......
मासूम है ये दिल मेरा
जी करता है मेरा भी
चहकूं तेरे संग मैं
सादे पानी सा .......
झील जैसी है नीली आंखें
करती रहे तू मीठी बातें
पलके झुका के जब शर्माए
गुजर जाती हैं तनहा रातें
तेरी घनारी जुल्फों के
उड़ना चाहू संग मैं
सादे पानी सा तेरा .......
करती रहे तू मीठी बातें
पलके झुका के जब शर्माए
गुजर जाती हैं तनहा रातें
तेरी घनारी जुल्फों के
उड़ना चाहू संग मैं
सादे पानी सा तेरा .......
मेरा गाना के रूप में एक और छोटा सा यह प्रयास आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार