बुधवार, 27 जून 2018

गाना , सादे पानी सा तेरा रंग है

   नमस्कार , कहा जाता है के दुनिया में प्यार से खुबसुरत और कोई चीज नही है | और प्यार ही एक ऐसा चीज है जिसे जितना लुटाया जाये उतना ही बढता है | ऐसे में जब कहीं प्यार का ज़िक्र हो तो धडकनें क्यों न मचलनें लगे | और प्यार भरे हर दिल को आवाज दी है हिंदी सिनेमा के फिल्मी गानों ने |

    ये एक मेरा लिखा गाना जो मुझे बेहद पसंद है आज मैं इसे आप के साथ साझा कर रहा हूं  | ये गाना मैं ने करीबन दो साल पहले लिखा है |

गाना , सादे पानी सा तेरा रंग है

सादे पानी सा तेरा रंग है
जिसमें झलकता तेरा अंग है
भूलना चाहूं इस्सर बातों में
बनके कोई रंग मैं

तेरी अदाएं हैं परिंदो जैसी
मासूम है ये दिल मेरा
जी करता है मेरा भी
चहकूं तेरे संग मैं
सादे पानी सा .......

झील जैसी है नीली आंखें
करती रहे तू मीठी बातें
पलके झुका के जब शर्माए
गुजर जाती हैं तनहा रातें
तेरी घनारी जुल्फों के
उड़ना चाहू संग मैं
सादे पानी सा तेरा .......

    मेरा गाना के रूप में एक और छोटा सा यह प्रयास आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार

गाना , नदी के किनारे से ये दो दिल हमारे

      नमस्कार ,  प्रेम में होने वाले हर एहसास को फिल्मी गानों में बखूबी फिल्माया गया है | हिन्दी फिल्मी जगत के सौ साल के इतिहास में प्यार पर बने हजारों गाने आपको मिल जाएंगे | इन गानों में नायक-नायिकाओं के किरदारों के भावनाओं को  फिल्मी गाने बखूबी प्रदर्शित करते हैं |

    आज मैं भी आपको मेरा लिखा है किसी तरह का गाना सुनाने जा रहा हूं | यह गाना मैंने तकरीबन 2 साल पहले लिखा है मुझे आशा है कि आपको मेरा लिखा ये गाना पसंद आएगा -

गाना , नदी के किनारे से ये दो दिल हमारे

नदी के किनारे से
ये दो दिल हमारे
जाने कहां पर जाकर मिलेंगे
ये बिछड़े बेचारे
दो टूटे सितारे

जब से शुरू है ये अफसाना
तभी से वही है पैमाना
दिल की दिल से बातें होती हैं
फिर भी तन्हा रातें होती हैं
अब भी हैं हम अनजाने
फिर भी जीते हैं तेरे सहारे

तेरी महक है हवाओं में
चाहत घुली है फिजाओं में
तेरी ही यादों का रहता है आलम
बदला बदला सा है मौसम
बिछड़ गई जब मेरी मोहब्बत
तब क्या ढूंढे हम पतवारें

नदी के किनारे से
ये दो दिल हमारे
जाने कहां पर जाकर मिलेंगे
ये बिछड़े बेचारे
दो टूटे सितारे

      मेरा गाना के रूप में एक और छोटा सा यह प्रयास आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार

मंगलवार, 26 जून 2018

गीत , मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं बताए कोई

     नमस्कार ,  एक गीत के कई मायने हो सकते हैं , गीत की कहन शक्ति इतनी सशक्त है कि  गीत सभी प्रकार के भावों को खुद में समेट सकती है | असल में गीत शब्दों की वह माला है जिसमें भाव रूपी फूल चुन-चुनकर पिरोया जाता है |

     अब जो गीत मैं आप की हाजिरी में पेश करने जा रहा हूं उसे मैंने 23 मई 2018 को लिखा है | गीत श्रृंगार रस का गीत है | आप कि दुलार की चाहत लिये मैं गीत पेश कर रहा हूं -

गीत , मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं बताए कोई

नम आंखों की सुनले दुआएं कोई
मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं
बताए कोई

ख्वाब टूटे कांच की तरह चुभते हैं
ऐसे मासूम बड़ी किस्मत से मिलते हैं
मेरा यार मुझसे रूठा है
उसे मनाए कोई
मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं
बताए कोई

वह हालात की तल्खी थी
जो रिश्ता तोड़ा था मैंने
असल में मैंने खुद का नाता
गमों से जोड़ा था मैंने
मैं अब भी मोहब्बत के लायक हूं
आके मुझे आजमाएं कोई
मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं
बताइए कोई

एक दरख्त की बिसात हूं मैं
चमेली हूं या गुलाब हूं
आखिर फुल की ही जात हूं मैं
मोहब्बत साफ पानी है
शरबत या शराब में मिलाए कोई
मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं
बताइए कोई

नम आंखों की सुनले दुआएं कोई
मैं मोहब्बत का गुनहगार हूं के नहीं
बताए कोई

      मेरी गीत के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिश आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

गीत , ये हमारी गली है कभी आइएगा

        नमस्कार , एक गीत एक अहसास का चेहरा होती है | गीतकार के मन के जो विचार होते हैं वही गीत में शब्दों के रुप में छलक आते हैंं | इसीलिए तो जब गीत को कोई गीतों का चाहनेवाला सुनता है तो खो सा जाता है 

       मेरी ये जो गीत है एक प्रेमी के मन के भावों को प्रकट करती है | ये गीत मैं ने तकरीबन डेढ साल पहले लिखा था | मैं चाहूंगा के आप मेरी इस गीत को भी अपना प्यार दें -

गीत , ये हमारी गली है कभी आइएगा

ये हमारी गली है कभी आइएगा

पल दो पल सही आकर गुजर जाइएगा
ये हमारी गली है कभी आइएगा

यहां चाहत की मीठी कहानी है
फूलों सी कोमल जवानी है
परियां होती सितारों  है पर
नानी की ऐसी कहानी है
नीम कि सीतल छांव के नीचे
वह छोटा सा ताजमहल है मेरा
कहना अभी बाकी बहुत कुछ
कुछ देर और ठहर जाइएगा
ये हमारी गली है कभी आइएगा

एक दफा इधर भी तो देखो सनम
हवाओं के गीत तुम सुन तो सनम
अपने प्यार की दास्तान तुम्हें सुनाएंगे कैसे
कभी धड़कनों की आवाज तुम सुनों तो सनम
क्या रखा है उस शहर में
क्या बिगड़ जायेगा चार पहर में
अरज हमारी मान जाइए ना
आकर यही बस जाइएगा
ये हमारी गली है कभी आइएगा

पल दो पल सही आकर गुजर जाइएगा
ये हमारी गली है कभी आइएगा

         मेरी गीत के रूप में एक और छोटी सी यह कोशिश आपको कैसी लगी मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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